फिल्म का नाम: फीवर
डायरेक्टर: राजेश झावेरी
स्टार कास्ट: राजीव खंडेलवाल, गौहर खान, विक्टर बनर्जी, कटरीना मुनीरो
अवधि: 2 घंटा 08 मिनट
सर्टिफिकेट: A
रेटिंग: 2 स्टार
डायरेक्टर राजेश झावेरी ने 'ढूंढते रह जाओगे' और 'कुछ तो है' जैसी फिल्मों की कहानी को लिखा था और इस बार उन्होंने 'फीवर' फिल्म को डायरेक्ट किया है, क्या यह थ्रिलर फिल्म, राजेश के लिए सफल सिद्ध होगी?
कहानी
फिल्म की कहानी एक कॉन्ट्रैक्ट किलर अर्मिन सलेम (राजीव खंडेलवाल) की है, जिसकी एक एक्सीडेंट की वजह से यादाश्त चली जाती है, जिसके बाद उसे सिर्फ और सिर्फ अपना नाम और उस लड़की काव्या चौधरी (गौहर खान) के बारे में याद रहता है जो उसकी पहचान वापिस दिलाने का प्रयास करती रहती है. अर्मिन का दिमाग कुछ और सोचता है और कदम दूसरी ओर जाने के लिए बढ़ते हैं. अब काव्या को अर्मिन से प्यार हो जाता है. लेकिन कहानी में कुछ ऐसे ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं जिसकी वजह से सबकुछ अलग होने लगता है. अब क्या अर्मिन की यादाश्त आने के बाद, काव्या उसे अपना बना पाएगी? क्या इस थ्रिलर फिल्म को सही अंजाम मिल पाएगा? इसका पता आपनो फिल्म देखकर ही चलेगा.
स्क्रिप्ट
फिल्म की सिलसिलेवार घटनाएं आपको आकर्षित करती हैं. लेकिन फिल्म की स्पीड काफी धीमी और कहानी कमजोर लगती है और कहीं-कहीं बोरियत भी महसूस होती है, जिसे और भी बेहतर किया जा सकता था हालांकि की शूटिंग लोकेशंस कमाल के हैं जो विजुअल ट्रीट हैं. सेकेंड हाफ निराश करता है.
अभिनय
फिल्म में राजीव खंडेलवाल का काम काफी उम्दा है, खास तौर पर किसी इंसान के मेमोरी लॉस के बाद उसकी क्या हालत होती है, इसे पर्दे पर बहुत ही अच्छे ढंग से राजीव ने दिखाने की कोशिश की है. वही गौहर खान को इस फिल्म की वजह से काफी फायदा मिलेगा, और बाकी सह कलाकारों का काम भी सहज है.
कमजोर कड़ी
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी कहानी और गति है, जिसे और भी सटीक किया जा सकता था.
संगीत
फिल्म का संगीत अच्छा है और आपको बांधे रखने में सक्षम है.
क्यों देखें-
अगर राजीव खंडेलवाल के बड़े फैन हैं तो एक बार देख सकते हैं.
अमित कुमार दुबे / आर जे आलोक