हिंदी सिनेमा के मेगास्टार दिलीप कुमार भले ही अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनका काम लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा. दिलीप ने अपने जमाने में हिट्स की झड़ी लगा दी थी. उनके काम से हर कोई प्रभावित था. शाहरुख खान जैसे स्टार्स उनसे से इंस्पायर होकर उन्हें फॉलो करते थे. बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड तक उनके चर्चे थे. उन्हें हॉलीवुड से भी रोल ऑफर हुआ. मगर दिलीप का हॉलीवुड में इंटरेस्ट नहीं था और उन्होंने फिल्म के लिए मना कर दिया था.
बता दें कि 7 जुलाई 2021 को दिलीप कुमार का निधन हो गया है.
जब दिलीप ने रिजेक्ट की हॉलीवुड फिल्म
दिलीप कुमार को हॉलीवुड फिल्म लॉरेंस ऑफ अरेबिया के लिए ऑफर गया था. इसे डायरेक्टर डेविड लीन ने बनाया था. डेविड इस फिल्म में प्रिंस शेरीफ अली के रोल के लिए किसी यूरोपियन एक्टर को नहीं लेना चाहते थे. इसी फिल्म के लिए वे दिलीप कुमार के पास पहुंचे क्योंकि भारतीय सिनेमा में रुचि के चलते वे दिलीप के काम से वाकिफ थे. मगर दिलीप कुमार ने प्रिंस अली के रोल को निभाने से इंकार कर दिया. दिलीप को हॉलीवुड में खास रुचि नहीं थी.
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इस कारण दिलीप ने फिल्म करने से किया मना
उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी में भी इस फिल्म के बारे में खास नहीं लिखा है लेकिन माना जाता है कि उन्होंने डेविड की इस फिल्म में करने से इंकार कर दिया था क्योंकि उन्हें लगा कि वे इस फिल्म में बाहरी दिखेंगे. वहीं दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो के मुताबिक, दिलीप को हॉलीवुड में जाने का कोई शौक नहीं था.
दिलीप का ये रोल इसके बाद ओमार शरीफ को मिला था और इस फिल्म के साथ ओमार ने हॉलीवुड में स्टारडम हासिल कर लिया था. फिल्म को 1962 में 10 ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था जिसमें से लॉरेन्स ऑफ अरेबिया ने 7 ऑस्कर अवॉर्ड जीते. इसी फिल्म में एक और भारतीय आई एस जौहर ने दो मिनट का रोल किया था और इस रोल की भारत में काफी चर्चा हुई थी.
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