लकी अली ने बढ़ते विवाद के बीच लिया यू-टर्न! जावेद अख्तर से माफी मांगी, बोले- राक्षसों की भी...

सोशल मीडिया पर बीते दिनों जावेद अख्तर और सिंगर लकी अली के बीच विवाद देखने को मिला था. हालांकि अब लकी अली ने जावेद अख्तर पर अपने विवादित कमेंट के बाद सफाई दी है.

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लकी अली ने मांगी माफी (Photo by Sujit Jaiswal/ AFP) लकी अली ने मांगी माफी (Photo by Sujit Jaiswal/ AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:31 PM IST

बॉलीवुड के फेमस सिंगर लकी अली इन दिनों काफी सुर्खियों में बने हुए हैं. हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसा बयान दिया था, जिसने हलचल मचा दी थी. उन्होंने अपनी पोस्ट में गीतकार और लेखक जावेद अख्तर पर तीखा हमला बोला था. हालांकि अब उन्होंने अपने स्टेटमेंट से यूटर्न ले लिया है. 

दरअसल लकी अली ने जावेद अख्तर से माफी मांग ली है. उनका नया पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपनी पिछली पोस्ट को गलत बताया और ये स्वीकार किया कि इंसान को कभी अहंकार नहीं पालना चाहिए.

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जानिए आखिर क्या मामला है?
बता दें कि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर जावेद अख्तर का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो हिंदुओं से 'मुसलमान' ना बनने की हिदायत दे रहे थे. इस बयान को लेकर बहस छिड़ गई थी. कई यूजर्स ने इस पर रिएक्शन दिया था. जिसमें एक नाम सिंगर लकी अली का भी शामिल था. एक यूजर ने पोस्ट कर लिखा, 'जावेद अख्तर जैसे मत बनो, वो कभी ऑरिजिनल नहीं थे, बहुत खराब इंसान हैं.'

लकी अली ने मांगी माफी
लकी अली का ये बयान काफी वायरल हुआ. जिसके बाद उन्होंने माफी मांग ली. अली ने पोस्ट कर लिखा, 'मेरा मतलब था कि अहंकार बदसूरत होता है...यह मेरी तरफ से एक गलत मैसेज था...राक्षसों की भी भावनाएं हो सकती हैं और अगर मैंने किसी की राक्षसीता को ठेस पहुंचाई हो तो मैं माफी मांगता हूं.'  इस पोस्ट के बाद लोगों ने उनके यू-टर्न पर भी कमेंट किए हैं.

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जावेद अख्तर ने वीडियो में क्या कहा था?
जिस वीडियो को लेकर इतना विवाद हुआ. उसमें जावेद अख्तर ने फिल्म 'शोले' फिल्म की एक सीन का जिक्र किया था. जिसमे धर्मेंद्र भगनाव शिव जी की मूर्ति के पीछे छिपकर बोलते हैं और एक्ट्रेस हेमा मालिनी सच मानकर ये सोचती हैं कि शिव जी उनसे बात कर रहे हैं. जावेद अख्तर ने कहा कि क्या आज ऐसे सीन हो सकता है? नहीं, मैं आज ऐसा कोई सीन नहीं लिखूंगा. क्या 1975 में हिंदू नहीं थे? क्या तब धार्मिक लोग नहीं थे? राजू हिरानी और मैं पुणे में एक बड़े ऑडियंस के सामने थे और मैंने कहा, 'मुसलमानों की तरह मत बनो. उन्हें अपने जैसा बनाओ. तुम मुसलमानों की तरह बन रहे हो. यह एक त्रासदी है.'

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