'लोगों को उपदेश मत दो, चले जाओ', अनुराग कश्यप के बॉलीवुड छोड़ने की बात पर बोले 'छावा' डायरेक्टर

कुछ दिनों पहले फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड छोड़ने को लेकर बयान दिया था. अब उनके उस बयान पर फिल्म 'छावा' के डायरेक्टर ने उन्हें खुलकर सुनाया है. उन्होंने सीधे कहा, 'चले जाओ छोड़ कर कोई, जबरदस्ती नहीं कर रहा है.'

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फिल्ममेकर अनुराग कश्यप और लक्ष्मण उतेकर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप और लक्ष्मण उतेकर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2025,
  • अपडेटेड 3:22 PM IST

कुछ दिनों पहले फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड छोड़ने को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था बॉलीवुड का माहौल काफी टॉक्सिक हो गया है, वो अब यहां फिल्में नहीं बनाना चाहते हैं. अब अनुराग के उस बयान पर फिल्म 'छावा' के डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर ने उन्हें खुलकर बातें सुनाई हैं. लक्ष्मण ने सीधे कहा, 'चले जाओ छोड़ कर, कोई जबरदस्ती नहीं कर रहा है.'

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फिल्म 'छावा' के डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर ने Mama’s Couch को दिए अपने इंटरव्यू में कहा-  'देखिए, ये इंडस्ट्री ऐसी है कि आपको मानसिक और रचनात्मक रूप से खुश रहना होगा, तभी हम एक बेहतरीन फिल्म बना सकते हैं... अगर आपका मन नहीं है यहां रहने का तो आप बेहतरीन फिल्म कैसे बनाओगे? आप चले जाओ, इससे अच्छा. आप फिल्में तभी बना सकते हैं जब आप रचनात्मक रूप से खुश हो, और अगर आप इसमें अपना दिल नहीं लगा सकते तो खुद को मजबूर करने का कोई मतलब नहीं है.'

अनुराग कश्यप पर साधा निशाना
वहीं डायरेक्टर लक्ष्मण ने अनुराग कश्यप के इस दावे पर भी बात की कि अनुराग की बनाई फिल्में दर्शकों को समझ नहीं आती हैं. लक्ष्मण ने कहा- वो गलत बोल रहे हैं, जब वो कहते हैं कि ऑडियंस को सेंसिबिलिटी नहीं हैं उनकी फिल्म स्वीकार करने की... जबकि उनकी सेंसिबिलिटी नहीं है ऑडियंस का टेस्ट एक्सेप्ट करने की. आज फिल्में 700-800 करोड़ तक का बिजनेस कर रही हैं. आप कैसे कह सकते हैं कि सिनेमा मर रहा है? आप कलेक्शन तो देखो बाहुबली का, आरआरआर का, पुष्पा का.. 1200 करोड़ तक का कलेक्शन किया है, या छावा का ही देख लीजिए. सेंसिबिलिटी आपकी बदलनी चाहिए, क्योंकि आप वहीं पर अटके हुए हैं.

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आपको बदलना ही होगा- लक्ष्मण उतेकर 
'छावा' के डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर ने इसपर जोर देते हुए कहा- सिनेमा तेजी से विकसित हो रहा है और इंडस्ट्री में काम करने वालों को भी विकसित होना चाहिए. आज ऑडियंस के पास अपने फोन में दुनिया भर का सिनेमा है. वे आपसे ज्यादा अपडेट हैं. उन्हें पता है कि क्या देखना है और क्या नहीं, और हर तीन साल बाद सिनेमा बदल रहा है. सिनेमैटोग्राफी बदल रही है, एडिटिंग बदल रही है, स्टोरीटेलिंग, कॉस्ट्यूम... सब कुछ बदल रहा है. एक फिल्म निर्माता के तौर पर आपको बदलना होगा. आप अतीत में अटके नहीं रह सकते और यह नहीं कह सकते कि दर्शकों में संवेदनशीलता नहीं है. आपको बदलना होगा.

फिल्ममेकर्स रिएलिटी से काफी दूर
लक्ष्मण ने कहा आजकल के कुछ फिल्ममेकर्स रिएलिटी से काफी दूर रहते हैं. उनको पता ही नहीं है लोगों को क्या देखना है. क्योंकि वो रहते हैं ऐसे जुहू-बांद्रा जैसे पॉश इलाकों में. वहां रहना बुरा नहीं है, मैं भी चाहता हूं वहां रहूं. इन लोगों का हॉलिडे होता है लंदन, न्यूयॉर्क, दुबई में... उनको बांद्रा के आगे परेल, ठाणे, चेंबूर जैसे इलाके पता ही नहीं. जब आप अपने देश को जानते ही नहीं हैं, तो उनको कैसे पता चलेगा कि लोग क्या देखना चाहते हैं?

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डायरेक्टर लक्ष्मण ने कहा कि 'ऐसे फिल्ममेकर्स हैं जिनको लगता है कि उन्हें मोक्ष मिल गया है. उनको लगता है कि मेरी फिल्म लोगों को समझ नहीं आएगी. तो फिर आपने बनाई क्यों? किसके लिए बनाई? अगर तुमको लगता है कि मैंने असाधारण फिल्म बनाई और लोगों को समझ नहीं आई तो डॉक्टर ने बोला था क्या ऐसी फिल्म बनाने को?'

बतौर फिल्ममेकर आपको क्रांति लाने के लिए किसी ने नहीं बोला है. दुनिया बदलने के लिए किसी ने नहीं बोला, सरकार बदलने के लिए किसी ने नहीं बोला. वहां पर हैं लोग. आप यहां पैसे कमाने के लिए आए हैं. ऐसे ज्ञानी मत बनो. आप अपना काम चुपचाप करो. अच्छी फिल्म बनाओ. आपका काम है लोगों का मनोरंजन करना. लोगों को उपदेश मत दो.

आखिर क्या था मामला?
बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने मुंबई छोड़ देने का फैसला कर लिया है. उन्होंने ये खुलासा हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में किया है. अनुराग ने कहा है कि उनके अंदर फिल्में बनाने का उत्साह खत्म हो गया है. अनुराग ने कहा कि आज के समय में मैं बाहर जाकर कोई नई अलग तरह की फिल्म नहीं बना सकता, क्योंकि सबकुछ अब पैसे पर आ गया है. फिल्म बनाने का मजा अब खत्म हो चुका है. इसलिए मैं अगले साल मुंबई छोड़कर साउथ में शिफ्ट होने जा रहा हूं. मैं वहां जाना चाहता हूं जहां काम करने के लिए सब उत्सुक रहें.

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