विनोद खन्ना ने 1970 के दशक के अंत में अपनी स्टारडम छोड़ दी थी और औरिगन चले गए थे, जहां वो ओशो के आश्रम में रहने लगे. सालों बाद वो एक बदले हुए इंसान के रूप में लौटे और नई जिंदगी शुरू करने का फैसला किया. उसी दौरान उनकी मुलाकात कविता से हुई. दोनों को प्यार हो गया और शादी कर ली. एक नए इंटरव्यू में कविता ने बताया कि शुरुआत में उनके परिवार को ये रिश्ता पसंद नहीं आया था. उन्होंने कहा कि उनकी शादी "सभी कमियों के साथ परफेक्ट मैरिज" थी.
शादी के खिलाफ था परिवार
लवलीना टंडन के यूट्यूब चैनल पर बातचीत में कविता ने शेयर किया कि उनका परिवार शादी को सपोर्ट करता था. पर वो डेटिंग का आइडिया सुनकर हैरान थे. विनोद खन्ना लाखों लड़कियों का दिल तोड़ने वाले हीरो थे. डिवोर्स के बाद उनकी कई गर्लफ्रेंड्स भी थीं. कविता की फैमिली को डर था कि कहीं एक्टर के लिए ये सब बस एक टाइमपास ना हो.
कविता ने बताया कि फैमिली को लगता था कि विनोद उन्हें छोड़ देंगे. वो कहती हैं कि पहली मुलाकात के बाद विनोद दिन में 5 बार फोन करते. मिलने पर अड़े रहते, तब जाकर मैंने उन्हें हां कहा. हमारा रिश्ता सात महीने चला और फिर दोनों ने शादी करके आगे बढ़ने का फैसला किया.
इनसिक्योर थीं कविता?
विनोद खन्ना अपने जमाने के टॉप स्टार थे, उन्हें हमेशा लड़कियों का खूब प्यार मिलता था. कविता से पूछा गया कि क्या वो कभी इनसिक्योर फील करती थीं? उन्होंने कहा कि वो उनके प्यार और कमिटमेंट को लेकर कांफिडेंट थीं. वो कहती हैं मुझे पता था वो मुझसे प्यार करते हैं, मेरे साथ कमिटेड हैं. मेरी शादी में बहुत चैलेंज थे. लेकिन मैंने कभी उन पर शक नहीं किया. एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरा जब मैं अपने हसबैंड के बिना रहना चाहती. लेकिन क्या ये गुलाबों की तरह आसान था? बिल्कुल नहीं
विनोद खन्ना की पहली शादी गीतांजलि से हुई थी. पहली शादी से उनके दो बेटे अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना हैं. कविता ने कहा कि अक्षय और राहुल मेरे बच्चे हैं, क्योंकि वो विनोद के बच्चे हैं. लेकिन मैंने कभी दोनों की 'मां' बनने की कोशिश नहीं की, क्योंकि उनके पास बेस्ट मां थी.
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