आमना शरीफ टीवी इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम हैं. टीवी की तरह फिल्मों में आमना की किस्मत उतनी अच्छी नहीं रही. कुछ फ्लॉप फिल्मों के बाद उन्होंने करियर से ब्रेक लिया था. पिछले कुछ समय से आमना अपने करियर में एक्टिव हैं. इन दिनों वे अपनी वेब सीरीज आधा इश्क को लेकर चर्चा में हैं. इस सीरीज और करियर के उतार-चढ़ाव पर आमना ने aajtak.in से बातचीत की.
सवालः आपके लिए इश्क के क्या मायने हैं?
आमना शरीफ: मैं दिल से बहुत ही रोमांटिक इंसान हूं. प्यार पर बहुत यकीन है. मैं जो शो कर रही हूं, वो ऐसे इश्क की बात करता है, जो कभी पूरा नहीं हुआ है. हम सभी लोगों ने अपने जीवन के किसी मोड़ पर आधा इश्क जरूर किया है. ऐसी कई लव स्टोरीज रही हैं, जो कभी पूरी ही नहीं हुईं.
सवालः आपका कोई इश्क अधूरा रहा हो, या कभी दिल टूटा हो?
आमना शरीफ: हां, दिल टूटा है. मैं बहुत ही सेंसिटिव किस्म की इंसान हूं. इमोशनल भी बहुत हूं. ब्रेकअप्स तो हैंडल ही नहीं कर पाती थी. मैं मानती हूं कि एक लंबा प्रॉसेस होता है. वक्त लगता है कि चीजें सही दिशा में हों. आपको कई बार सबकुछ वक्त पर ही छोड़ देना चाहिए. यह जरूरी नहीं है कि आप रिलेशनशिप से बाहर निकलें और तुरंत मूव ऑन कर जाएं. यह तो प्यार की गहराई पर निर्भर करता है और जितना गहरा प्यार होता है, उससे निकलने में उतना ही वक्त लगता है.
सवालः ओटीटी ने एंटरटेनमेंट में एक रिवोल्यूशन लाया है. आप कैसे देखती हैं इस प्लेटफॉर्म को?
आमना शरीफ: मैं बहुत खुश हूं कि ओटीटी जैसे प्लेटफॉर्म हम लोगों को कई सारे मौके दे रहा है. खासकर फीमेल एक्ट्रेस को स्ट्रॉन्ग व पावरफुल किरदार निभाने का मौका मिला है. यही तो किसी भी एक्टर की ख्वाहिश होती है. मैंने इससे पहले डैमेज 3 में काम किया है और आधा इश्क में भी एक अलग तरह का किरदार है. मैं बहुत खुश हूं कि ओटीटी के जरिए वैरायटी ऑफ वर्क एक्स्प्लोर कर पा रही हूं.
सवालः शो का कॉन्सेप्ट बोल्ड है. ऐसा कहें कि हमारी सोसायटी के सेटअप पर फिट नहीं बैठती है. हामी भरने से पहले थोड़ी झिझक रही?
आमना शरीफ: नहीं, बिलकुल भी नहीं. देखिए यहां हम सभी किरदार निभा रहे हैं. मेरा झुकाव वैसे ही किरदारों को लेकर होगा, जो मेरे लिए जटिल हों. यह तो मुझे एक्टर के तौर पर पुश करेगा. मेरे लिए चैलेंज होगा कि मैं कैसे अपने किरदार से लोगों को कन्विंस करूं. मुझे लगता है कि आगे चलकर लड़कियां मेरे किरदार से खुद को रिलेट कर पाएंगी.
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सवालः आज टेलीविजन के रिग्रेसिव कॉन्टेंट पर सवाल उठाए जाते हैं. आपकी क्या राय है?
आमना शरीफ: मैं यह कहूंगी कि इवॉल्व हो रहा है. देखें, हमारे वक्त में शोज अलग बना करते थे. आज के दौर पर वैसी कहानियां चलती हैं, जो ऑडियंस को भाती हैं. मैंने खुद भी काफी वक्त से टीवी नहीं देखा है. जब 'कहीं तो होगा' आया था, उसके सक्सेस को मैं कभी नहीं भूल सकती. एक रात में हमारी जिंदगी बदल गई थी. हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो गया है. आज भी लोगों को 'कशिश' याद है. हम लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गए थे. वो अब शायद आज की टीवी के दौर में नहीं दिखता है.
सवालः टीवी में सुपर सक्सेस के बाद फिल्मों में कहीं न कहीं आपकी किस्मत अच्छी नहीं रही है. कितना दुख होता है?
आमना शरीफ: बिल्कुल नहीं, मुझे किसी बात का रिग्रेट नहीं होता है. आज जो मैं जो कुछ भी हूं, खुद के लिए फैसलों की वजह से हूं. अगर वो चीजें मेरे साथ नहीं हुई होतीं, तो शायद मैं इनको वैल्यू नहीं दे पाती जो आज कर रही हूं. एक एक्टर के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी जिंदगी के लो फेज से भी गुजरें. आप हमेशा टॉप पर नहीं हो सकते हो. 'कहीं तो होगा' में मैंने सक्सेस की सारी ऊंचाइयां छूई थीं. मेरी कुछ फिल्मों ने काम नहीं किया था लेकिन 'एक था विलेन' सक्ससेफुल रहा. तो सक्सेस और फेल्यॉर का बैलेंस लेकर चलना पड़ता है. इसके बाद मैंने कुछ समय का ब्रेक भी लिया था. मुझे पता था कि मेरे लिए दोबारा काम पर वापस जाना मुश्किल होगा. कई लोगों ने कहा भी तुमने इतना लंबा ब्रेक लिया है, तुम्हारा करियर खत्म हो गया. हालांकि मैंने कभी हार नहीं मानी. मैं ऐसी ही इंसान हूं. मैं मानती हूं कि अगर आपको अपनी लाइफ में कुछ अचीव करना है, तो लगातार मेहनत करते रहना होगा.
सवालः टेलीविजन एक्ट्रेसेज ने हमेशा बॉलीवुड में ब्रेक को लेकर स्ट्रगल किया है. आप मानती हैं, अब दौर बदला है?
आमना शरीफ: हां, अभी तो यह थोड़ा बदला है. बॉलीवुड टीवी एक्ट्रेसेज को लेकर वेलकमिंग हुआ है. लेकिन मैंने अपने वक्त में इसे हमेशा फेस किया है. मैंने कितने ऑडिशन दिए. लुक टेस्ट में कितना बेहतरीन परफॉर्म किया, इनफैक्ट उन्हें मेरा काम पसंद भी आता था लेकिन टेलीविजन बैकग्राउंड की वजह से रिजेक्ट कर दी गई. हालांकि मैंने टीवी काफी साल पहले छोड़ दिया था, उसके बावजूद उनका तर्क होता था कि फ्रेश फेस नहीं है, तो शायद ऑडियंस एक्सेप्ट ही न करे. मैं मानती हूं कि इन मेकर्स को अपना नजरिया बदलना चाहिए. आप एक्टर को एक्टर की तरह स्वीकार करें न कि उनके बैकग्राउंड से जज करें. अगर वो एक्टर किरदार में फिट बैठता है, तो उसे मौका दें.
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सवालः करियर को एक लंबा अरसा हो गया है. अपनी जर्नी से संतुष्ट हैं?
आमना शरीफ: नहीं, अभी तो बहुत आगे जाना है और बहुत कुछ अचीव करना है. मुझे तो लग रहा है कि जिस हिसाब से मेरा पैशन है, मेरी भूख बढ़ती जा रही है. मैं पीछे देखने वालों में से नहीं हूं, हमेशा आगे की ओर देखा है. मैं अच्छा काम करना चाहती हूं. मैं बचपन से एक्ट्रेस बनना चाहती थी. मैं एक मुस्लिम फैमिली बैकग्राउंड से आती हूं. मेरे परिवार में कभी किसी ने ग्लैमर वर्ल्ड में कदम नहीं रखा था. परिवार मेरे इस फैसले के खिलाफ था. बहुत ही कंजर्वेटिव बैकग्राउंड से हूं. उस वक्त मां ने मेरा सपोर्ट किया, उन्होंने परिवार को समझाया. आज जो कुछ भी हूं अपनी मां की वजह से हूं.
सवालः लो फेज के दौरान आप अपनी पॉजिटिविटी कैसे बनाए रखती हैं?
आमना शरीफ: फैमिली का सपोर्ट बहुत जरूरी होता है. खासकर मेरी मां ने मेरी जिंदगी में बहुत बड़ा रोल निभाया है. वो हमेशा कहती हैं कि फेल्यॉर जिंदगी का हिस्सा है लेकिन उसे चैलेंज के तौर पर लो. मैंने अपनी जिंदगी में बहुत कठिन दौर भी देखे हैं. जब हम बुरे दौर से गुजरते हैं, तो बार-बार सवाल करते हैं कि ऐसा मेरे साथ क्यों हो रहा है. वहीं जब जिंदगी में अच्छा फेज आता है, तो वो सवाल क्यों नहीं करते हैं? मैंने जिंदगी में यही सीखा है कि अच्छा दौर देखा है, तो बुरे दौर को भी झेलना होगा ताकि आगे जाकर आप इसकी वैल्यू समझ पाते हैं.
नेहा वर्मा