उत्तराखंड के देहरादून जिले की एक विधानसभा सीट है रायपुर विधानसभा सीट. इस विधानसभा क्षेत्र में नेहरू कालोनी, धर्मपुर, रायपुर, लाडपुर, सहस्रधारा रोड, एमडीडीए कॉलोनी (डालनवाला और केदारपुरम), अधोईवाला, डिफेंस कॉलोनी, अजबपुर कलां, अजबपुर खुर्द जैसे कुल 47 क्षेत्र शामिल हैं. ये शहर से लगी हुई सीट है.
रायपुर विधानसभा क्षेत्र में ही द्वारा और मालदेवता जैसे पर्वतीय और अर्द्धशहरी क्षेत्र भी आते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में बड़ी आबादी मलिन बस्तियों में भी निवास करती है. लिहाजा, इसे मिश्रित प्रकृति की विधानसभा सीट भी कहा जाता है. देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के नेताओं के लिए हमेशा प्रतिष्ठा का विषय रही है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
रायपुर विधानसभा क्षेत्र का इतिहास अधिक पुराना नहीं है. साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद ये विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. इस विधानसभा सीट के लिए पहली दफे साल 2012 के विधानसभा चुनाव में मतदान हुआ था. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उतरे उमेश शर्मा काऊ को विजय मिली थी. 2012 के चुनाव में बीजेपी के त्रिवेंद्र सिंह रावत दूसरे स्थान पर रहे थे. करीबी मुकाबले में कांग्रेस के उमेश शर्मा ने बीजेपी के त्रिवेंद्र को 474 वोट के अंतर से हरा दिया था.
2017 का जनादेश
रायपुर विधानसभा सीट के 2017 के जनादेश की बात करें तो इस बार ये सीट बीजेपी के पाले में आ गई. 2016 में कांग्रेस के 10 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और ये सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले 10 विधायकों में उमेश शर्मा काऊ भी थे. बीजेपी ने 2017 के चुनाव में उमेश शर्मा को ही प्रत्याशी बनाया और वे लगातार दूसरी दफे चुनावी बाजी जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे.
सामाजिक ताना-बाना
रायपुर विधानसभा क्षेत्र के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति वर्ग के लोग रहते हैं. रायपुर विधानसभा क्षेत्र में आधे से अधिक मतदाता पर्वतीय मूल के हैं. रायपुर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में पंजाबी और अन्य पिछ़ड़ा वर्ग के साथ ही मुस्लिम वर्ग के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
रायपुर विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के उमेश शर्मा काऊ का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. उमेश शर्मा काऊ का दावा है कि उन्होंने अपनी विधायक निधि से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्य कराए हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता विधायक के दावे को हवा-हवाई बताते हुए उनपर निशाना साध रहे हैं.
दिलीप सिंह राठौड़