गठबंधन पर भिड़े कांग्रेस कार्यकर्ता, बोले- ऐसे तो 127 साल नहीं आ पाएंगे सत्ता में

कांग्रेस मुख्यालय के कॉन्फ्रेंस रूम में मंगलवार को जैसे ही यूपी के प्रभारी महासाचिव गुलाम नबी आजाद ने सपा और कांग्रेस के गठजोड़ की बात कही, वैसे ही बाहर लॉन में जमा गठजोड़ के समर्थक और विरोधी आपस में भिड़ गए.

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दिल्ली स्थि‍त कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली स्थि‍त कांग्रेस मुख्यालय

कुमार विक्रांत

  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

कांग्रेस मुख्यालय के कॉन्फ्रेंस रूम में मंगलवार को जैसे ही यूपी के प्रभारी महासाचिव गुलाम नबी आजाद ने सपा और कांग्रेस के गठजोड़ की बात कही, वैसे ही बाहर लॉन में जमा गठजोड़ के समर्थक और विरोधी आपस में भिड़ गए.

समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन की चर्चा से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में हताशा है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 24 से 36 घंटों में गठबंधन का ऐलान हो जाएगा, इससे कांग्रेस दफ्तर में इकट्ठा हुए तमाम कांग्रेस कार्यकर्ता यह सुन कर नाराज हो गए. उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी भस्मासुर है और जो भी समाजवादी पार्टी के साथ आया वह खत्म हो गया. उनका आरोप है कि सपा गुंडों की पार्टी है और उसने इतने साल यूपी में गुंडागर्दी की, अब कांग्रेस जब उसके साथ आएगी तो इससे कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान होगा. यही नहीं 2019 का चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा. कार्यकर्ताओं का मानना है कि 27 साल यूपी बेहाल का नारा देने के बाद गठबंधन करने का मतलब है कि 127 साल तक यूपी में कांग्रेस नहीं आएगी.

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गठबंधन के समर्थकों का कहना था कि, बीजेपी को रोकने के लिए ये जरूरी और सही फैसला है, वहीं गठजोड़ के विरोधियों का कहना है कि इससे कांग्रेस का नुकसान होगा और करीब 300 सीटों से पार्टी का डंडा-झंडा गायब हो जाएगा.

विरोधियों का कहना है कि शीला को सीएम उम्मीदवार बनाना, 27 साल यूपी बेहाल का नारा और राहुल गांधी की देवरिया से दिल्ली तक की यात्रा क्या सिर्फ दिखावा थी? उनका कहना है कि टिकट की चाहत में तमाम लोगों से लाखों खर्च करके किसान मांग पत्र भरवाए गए, रैली और राहुल की यात्रा में खर्च किया गया.

अगर यही करना था तो उनसे ये सब क्यों कराया गया. दरअसल, यूपी में गठजोड़ के चलते करीब 300 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे नेताओं को झटका लगा है. जो चुनाव लड़ने की आस लगाए थे, उनकी नाराज़गी लाज़मी है.

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