यूपी में चुनाव का ऐलान होने के बाद अखिलेश यादव अपना खोया हुआ गढ़ पाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. अखिलेश यादव 22 में बदलाव और 22 में बाइसिकल के नारे के साथ विजय रथ पर सवार हो चुके हैं. लालटोपी पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी से लेकर समाजवादी इत्र पर उठे सवालों पर अखिलेश यादव फ्रंटफुट पर बैटिंग करते हुए नजर आ रहे हैं. एक तरफ पूरी बीजेपी की चुनावी मशीनरी है और दूसरी तरफ अकेले चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे अखिलेश यादव हैं. 2022 की इस चुनावी लड़ाई में अखिलेश यादव की स्थिती करो या मरो जैसी है. 5 साल के बाद अगर अखिलेश यादव की सत्ता में वापसी होती है तो ये उनके लिए बहुत बड़ी जीत होगी. वर्ना 2017 और 2019 के बाद अखिलेश का तीसरा प्रयोग भी फेल हो जाएगा. देखें ये वीडियो.
Dates for the assembly elections in Uttar Pradesh has been announced. On one hand, is the entire BJP's electoral machinery and on the other hand, Akhilesh Yadav is standing alone in the electoral battle. Akhilesh Yadav's position in this election battle of 2022 is like do or die. Watch.