मोदीनगर विधानसभा सीट गाजियाबाद जिले की पांच विधानसभा सीटों में से एक है. इस शहर की स्थापना 1933 में रायबहादुर गूजर मल मोदी ने यहां मोदी चीनी मिल का शुभारंभ कर की थी. उन्होंने इस जगह का नाम अपने कुल के नाम मोदी पर मोदीनगर रखा था. यह एनएच 58 के किनारे स्थित है. यहां से मेरठ और गाजियाबाद शहर की दूरी करीब-करीब बराबर है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मोदीनगर विधानसभा सीट बागपत लोकसभा सीट के तहत आती है. इस विधानसभा सीट पर लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कब्जा रहा है. 1980 से अब तक के चुनावी अतीत की बात करें तो इस सीट से बीजेपी को चार, कांग्रेस और जनता दल को दो-दो, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल को एक-एक दफे जीत मिली है.
मोदीनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस और जनता दल के टिकट पर सुखबीर सिंह गहलोत (1980, 1989 और 1991) और बीजेपी के नरेंद्र सिंह सिसोदिया (1993, 1996 और 2002) तीन-तीन दफे विधायक रहे. 2007 में बसपा के मास्टर राजपाल सिंह विधानसभा पहुंचे तो 2012 में ये सीट आरएलडी के खाते में चली गई. 2012 के चुनाव में इस विधानसभा सीट से आरएलडी के सुरेश शर्मा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.
2017 का जनादेश
मोदीनगर विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने डॉक्टर मंजू सिवाच को टिकट दिया. बीजेपी के टिकट पर उतरी मंजू ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के वहाब चौधरी 66582 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था. डॉक्टर मंजू सिवाच को 1 लाख 8 हजार 631 और वहाब चौधरी को 42 हजार 49 वोट मिले थे.
सामाजिक ताना-बाना
मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में जाट और गुर्जर मतदाता बड़ी तादाद में हैं. मोदीनगर विधानसभा सीट के लिए चुनाव का परिणाम निर्धारित करने में अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मोदीनगर विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी की डॉक्टर मंजू सिवाच का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. उनका दावा है कि इलाके में नई सड़कों का निर्माण कराने के साथ ही उन्होंने जीर्णशीर्ण सड़कों की मरम्मत का कार्य भी कराया है. विपक्षी दलों के नेता विधायक के दावे को हवा-हवाई बता रहे हैं.
मयंक गौड़