उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की एक विधानसभा सीट है महादेवा विधानसभा सीट. बस्ती जिले की ये विधानसभा सीट सुरक्षित सीट है. बस्ती जिले में एक कस्बा है महादेवा. महादेवा कस्बे के नाम पर ही महादेवा विधानसभा सीट का गठन हुआ. इस विधानसभा क्षेत्र में उद्योग-धंधे शून्य हैं. रोजगार के लिए लोगों को महानगरों की पलायन करना पड़ता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
महादेवा विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो यहां के मतदाताओं का मिजाज परिवर्तनशील रहा है. महादेवा विधानसभा क्षेत्र की जनता ने जिसे जीताकर लखनऊ भेजा, सूबे में उसी दल की सरकार बनी है. ये सीट साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. इस विधानसभा सीट के लिए पहली दफे साल 2012 में चुनाव हुए थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में महादेवा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार को जीत मिली थी. सपा के रामकरन आर्य विधायक निर्वाचित हुए थे.
2017 का जनादेश
महादेवा विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव में सपा से राकरन आर्य चुनाव मैदान में थे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रवि कुमार सोनकर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दूधराम को उम्मीदवार बनाया था. बीजेपी के रवि कुमार सोनकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के रामकरन आर्य को 25884 वोट से हरा दिया था. बसपा के दूधराम तीसरे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
महादेवा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में कुल साढ़े तीन लाख के करीब मतदाता हैं. जातिगत समीकरणों की बात करें तो यहां दलित मतदाताओं की बहुलता है. दलित बाहुल्य इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य और कायस्थ मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. महादेवा विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम, यादव, कुर्मी, भूमिहार और सोनकर मतदाताओं भी अच्छी तादाद है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
महादेवा विधानसभा सीट से विधायक रवि कुमार सोनकर विकास के दावे कर रहे हैं. 41 साल के रवि ग्रेजुएट हैं और इनकी घोषित संपत्ति 2.15 करोड़ की है. रवि ने विधायक निधि का पूरा पैसा खर्च कर दिया है. इनके पिता कल्पनाथ सोनकर बस्ती लोकसभा सीट से एक दफे सांसद रहे थे. बस्ती जिले की इस विधानसभा सीट के लिए यूपी चुनाव के पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होना है. गौरतलब है कि यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर सात चरणों में मतदान हो रहा है.
(रिपोर्ट- मिस्बा उस्मानी)
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