यूपी के सिद्धार्थनगर जिले की एक विधानसभा सीट है डुमरियागंज विधानसभा सीट. साल 1967 में अस्तित्व में आए इस विधानसभा क्षेत्र की सीमा उत्तर में नेपाल, दक्षिण में बस्ती जिले से लगती है. पूर्व में महराजगंज और पश्चिम में बलरामपुर जिले हैं. डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में राप्ती नदी और बूढ़ी राप्ती में हर साल बाढ़ आती है और भारी तबाही मचाती है.
डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र की नदियों में नेपाल में बारिश के कारण बाढ़ आती है जिससे फसलों को नुकसान पहुंचता है. इस क्षेत्र में कोई भी बड़ी इंड्रस्टी नहीं है. इस इलाके के लोगों के जीवन यापन का मुख्य साधन कृषि है. इस इलाके के युवकों को रोजी-रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन करना पड़ता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
डुमरियागंज विधानसभा सीट सन 1967 में अस्तित्व में आई थी. इससे पहले भी इस विधानसभा सीट के लिए तीन दफे चुनाव हुए लेकिन सीट के नाम अलग-अलग थे. डुमरियागंज विधानसभा सीट से पहले चुनाव में भारतीय जनसंघ के जेडी सिंह को जीत मिली. इसके बाद 1969 और 1974 में कांग्रेस के जलील अब्बासी जीते. 1977 में जनता पार्टी, 1980 में जनता पार्टी सेक्यूलर और 1985 में लोक दल के टिकट पर मलिक कमाल यूसुफ लगातार तीन दफे विधानसभा पहुंचे.
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डुमरियागंज सीट से 1989, 1991 और 1993 में बीजेपी के प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी, 1996 में समाजवादी पार्टी के तौफीक अहमद, 2002 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर मलिक कमाल यूसुफ जीते. 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर तौफीक अहमद चुनाव जीते. 2012 के चुनाव में मलिक कमाल यूसुफ पीस पार्टी के टिकट पर जीते.
2017 का जनादेश
डुमरियागंज विधानसभा सीट से 2017 में बीजेपी ने राघवेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दिया और वे करीबी मुकाबला जीतने में सफल रहे. राघवेंद्र प्रताप सिंह ने नजदीकी मुकाबले में बसपा की सैय्यदा खातून को 171 वोट के करीबी अंतर से शिकस्त दी. सपा के राम कुमार तीसरे स्थान पर रहे.
सामाजिक ताना-बाना
डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के मतदाता रहते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल चार लाख से अधिक मतदाता हैं. सामान्य वर्ग के साथ ही यहां मुस्लिम मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं. अन्य पिछड़ी जाति और एससी-एसटी वर्ग के मतदाता भी इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
डुमरियागंज विधानसभा सीट से विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1966 को बस्ती जिले में हुआ था. इनके पिता का नाम शंकर बख्श सिंह है. इन्होंने दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी से स्नातक की शिक्षा पूरी की. राघवेंद्र प्रताप सिंह हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े रहे और 2012 में पहली बार डुमरियागंज विधानसभा से चुनाव लड़े.
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राघवेंद्र प्रताप सिंह को पहली दफे 2012 के चुनाव में पीस पार्टी के उम्मीदवार कमाल यूसुफ मलिक से मात मिली थी. 2017 में बीजेपी ने फिर से राघवेंद्र प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा और इस दफे राघवेंद्र प्रताप सिंह नजदीकी मुकाबले में जीत गए. विधायक का दावा है कि इलाके में 46 सड़कों का निर्माण कराया. गांव-गांव बिजली पहुंचाने के लिए दो हजार नए पोल लगवाकर बिजली पहुंचाई. 350 नए ट्रांसफार्मर लगवाए. दो सब स्टेशन बनवाए. एक फायर स्टेशन का निर्माण कराया. चार करोड़ रुपये की लागत से विवाह घर बनवाया. एक कन्या इंटर कॉलेज बनवाया. एक महाविद्यालय निर्माणाधीन है.
(रिपोर्ट- अनिल तिवारी)
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