चुनावों में सांसदी और विधायकी के लिए कितना खर्च कर पाएंगे कैंडिडेट, जान लीजिए लिमिट

28 लाख रुपये तक खर्च सीमा वाले राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं. यहां पहले 20 लाख रुपये तक की खर्च सीमा थी.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST
  • निर्वाचन आयोग ने चुनाव खर्च की सीमा बढ़ा दी है
  • आगामी लोकसभा और विधानसभा में यही हिसाब रहेगा

देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इनसे पहले निर्वाचन आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले खर्चे की सीमा बढ़ा दी है. लिहाजा अब विधायकी के उम्मीदवार अपने राज्य के दर्जे के मुताबिक 28 लाख से 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे. पहले ये सीमा 20 लाख से 28 लाख रुपये थी. बता दें कि देश में छोटे और बड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दो स्तरीय खर्च सीमा है. 

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बता दें कि 28 लाख रुपये तक खर्च सीमा वाले राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं. यहां पहले 20 लाख रुपये तक की खर्च सीमा थी. जबकि शेष राज्य के विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की खर्च सीमा अब 40 लाख रुपये होगी. जबकि पहले यह 28 लाख रुपये थी.

संसदीय चुनावों में 95 लाख तक की खर्च सीमा
संसदीय चुनाव में अरुणाचल, गोवा, सिक्किम, अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली, दमन दीव, लक्ष्यद्वीप, पुडुचेरी और लद्दाख के लिए खर्च सीमा 54 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दी गई है. बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खर्च सीमा 75 लाख रुपए से बढ़ाकर 95 लाख रुपये होगी.

समिति ने जनता की राय भी ली
संसदीय चुनाव के लिए 2014 में तय की गई शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 54 लाख और 70 लाख रुपये की खर्च सीमा को अब क्रमश: 75 लाख और 95 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है. आयोग ने 2020 में रिटायर्ड आईआरएस अधिकारी हरीश कुमार, आयोग के सेक्रेटरी जनरल उमेश सिन्हा और वरिष्ठ उप आयुक्त चंद्र भूषण कुमार की समिति बनाई थी. समिति ने सभी राजनीतिक दलों, राज्यों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी और ऑब्जर्वर्स सहित अन्य हितधारकों से बात की. साथ ही जनता की राय भी ली.

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समिति ने इस तरह लिय़ा फैसला
समिति ने निष्कर्ष निकाला कि  2014 से 21 के बीच सात सालों में मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है. इसमें 12.23 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं महंगाई का ग्राफ यानी कोस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स भी 240 से बढ़कर 317 हो गया है. यानी इसमें भी 32.08 फीसदी का इजाफा हुआ. अब आगामी सभी चुनाव में खर्च का यही हिसाब रहेगा.


 

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