चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति में जातिगत और राजनीतिक समीकरणों पर BJP की नजर

यूपी में चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी केंद्र सरकार में मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के कंधों पर है. उनके साथ प्रभारी के तौर पर मोदी मंत्रिमंडल में साथी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल, शोभा करंदलाजे, सरोज पांडेय, विवेक ठाकुर और कैप्टन अभिमन्यु हैं.

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BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा (फोटो- पीटीआई) BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा (फोटो- पीटीआई)

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST
  • संगठनात्मक और चुनावी अनुभव को दी गई तवज्जो
  • यूपी में धर्मेंद्र प्रधान को बड़ी जिम्मेदारी
  • बीजेपी ने 5 राज्यों के लिए प्रभारियों की घोषणा की

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रभारियों की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने चुनावी बिगुल बजा दिया है और मिशन मोड में आ गई है. बीजेपी ने पांच राज्यों में प्रभारियों को नियुक्त करते समय संगठनात्मक और चुनावी अनुभव के साथ-साथ राजनैतिक, सामाजिक और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखा है.

यूपी में चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी केंद्र सरकार में मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के कंधों पर है. उनके साथ प्रभारी के तौर पर मोदी मंत्रिमंडल में साथी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल, शोभा करंदलाजे, सरोज पांडेय, विवेक ठाकुर और कैप्टन अभिमन्यु हैं.

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यूपी में इसके अलावा 6 क्षेत्रों में भी प्रभारियों की नियुक्ति की गई हैं. पश्चिमी क्षेत्र में करनाल से सांसद संजय भाटिया, ब्रज क्षेत्र में संजीव चौरसिया, अवध क्षेत्र में सत्या कुमार, कानपुर क्षेत्र में सुधीर गुप्ता गोरखपुर क्षेत्र में अरविंद मेनन और काशी क्षेत्र में सुनील ओझा को जिम्मेदारी दी गई है.

यूपी की राजनैतिक, सामाजिक और जातिगत समीकरणों के हिसाब से देखा जाए पार्टी ने प्रभारियों, सहप्रभारियों और क्षेत्रीय प्रभारियों की नियुक्ति में इसका ध्यान रखा है.

धर्मेंद्र प्रधान को यूपी में चुनौतीपूर्ण पारी

धर्मेंद्र प्रधान पूर्व में नितिन गड़करी और राजनाथ सिंह की टीम महासचिव रह चुके हैं.  इसी साल हुए बंगाल हुए चुनाव में भले ही बीजेपी न जीत पाई हो लेकिन नंदीग्राम में सवेंदु अधिकारी से ममता बेनर्जी की हार का जश्न बड़ी धूम-धाम मनाया था. नंदीग्राम सीट की चुनावी ज़िम्मेदारी धर्मेंद्र प्रधान के कंधों पर ही थी.

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कर्नाटक, बिहार, उतराखंड में प्रभारी और चुनाव प्रभारी रह चुके हैं. धर्मेंद्र प्रधान जातिगत समीकरणों के हिसाब से यूपी में बिलकुल फिट बैठते हैं. वो ओबीसी समाज से आते हैं और बीजेपी का फोकस 2014 के लोकसभा चुनाव से गैर यादव ओबीसी जातियों पर रहा है. 

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अनुराग ठाकुर को पिछले साल पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव में प्रभारी बनाया था. यहां पार्टी के अनुमान के हिसाब से चुनावी नतीजे मिले थे. बिहार, दिल्ली, हरियाणा चुनाव में पार्टी ने पर्दे के पीछे कई बड़ी ज़िम्मेदारी दी थी. वैसे यूपी के हिसाब से देखा जाए तो वो पार्टी के कोर वोटर राजपूत समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं. अर्जुन मेघवाल पुदुचेरी में इससे पहले चुनाव प्रभारी थे. यहां पहली बार बीजेपी ने गठबंधन की सरकार बनाई थी. जातिगत हिसाब से देखा जाए तो अर्जुन मेघवाल अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं और मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाने का काम उनके ज़िम्मे होगा.

सरोज पांडेय को जिम्मेदारी में ब्राह्माणों पर नजर

सरोज पांडेय वर्तमान में गृहमंत्री अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष काल में महासचिव रह चुकी हैं. वे महाराष्ट्र की संगठन प्रभारी और महिला मोर्चा अध्यक्ष रह चुकी हैं. यूपी चुनाव के हिसाब से देखा जाए तो वो बीजेपी के कोर वोटर ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं.

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शोभा करंदलाजे केंद्र में मंत्री हैं वो कर्नाटक से आती हैं और गैर यादव ओबीसी जाति कुर्मी समाज से हैं. उतर प्रदेश में उनकी बड़ी भूमिका रहने वाली हैं. अन्नपूर्णा देवी केंद्र सरकार में मंत्री हैं वो यादव जाति का प्रतिनिधित्व करती हैं. वह यूपी विधानसभा की दृष्टिकोण से यादव वोटर को पार्टी के लिए गोलबंद करने का काम करेंगी.

जाट समुदाय को साधने का काम कैप्टन अभिमन्यु को

कैप्टन अभिमन्यु हरियाणा सरकार में मंत्री और पार्टी में राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता रह चुके हैं. यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर देखा जाए तो किसान आंदोलन से नुकसान न हो और जाटों को साधा जाए इसकी जिम्मेदारी कैप्टन अभिमन्यु को दी गई हैं. विवेक ठाकुर BJYM में कई पदों पर रह चुके हैं. यूपी में चुनाव में युवाओं के साथ-साथ बिहार से लगे हुए पूर्वी उतर प्रदेश की जिम्मेदारी उनपर रहेगी. वैसे तो यूपी में लगभग 2 प्रतिशत भूमिहार जाति का वोट बैक हैं जो फ़िलहाल चुनावी दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है.

इसी तरह से दिल्ली और हरियाणा से लगे पश्चिमी यूपी में पंजाबी और खत्री मतदाताओं को पार्टी की तरफ जोड़ने का काम पश्चिम क्षेत्र के संजय भाटिया का होगा. 

 ब्रज क्षेत्र की जिम्मेदारी संजीव चौरसिया के पास 

हरियाणा और राजस्थान से लगे ब्रज क्षेत्र की जिम्मेदारी यूपी के संगठन सह प्रभारी संजीव चौरसिया के पास हैं. कानपुर क्षेत्र की ज़िम्मेदारी पार्टी के सह कोषाध्यक्ष सुधीर गुप्ता को दी गई है. वो बनिया समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं कानपुर और उसके आस पास के क्षेत्र में बनिया समाज की अच्छी खासी संख्या हैं. अवध क्षेत्र की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सचिव और यूपी के संगठन सह प्रभारी सत्या कुमार हैं के पास है.

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काशी क्षेत्र को राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन देखेंगे. अरविंद मेनन के पास संगठन में काम करने का लम्बा अनुभव है. वो मध्यप्रदेश में एक दशक से ज़्यादा समय तक संगठन मंत्री रहे हैं.  2019 लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल में कैलाश विजयवर्गीय के साथ मिलकर संगठन को ममता बनर्जी के खिलाफ खड़ा करने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. 

2014 से काशी क्षेत्र के संगठन का काम सुनील ओझा के पास है. इस चुनाव में भी वह काशी क्षेत्र को देखेंगे. सुनील ओझा गुजरात से आते हैं और वो पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं. वे 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले से ही काशी का काम देखते रहे हैं.


 

 

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