बिहार की चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. आज (सोमवार) को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के लिए मोर्चा संभाला और बेलागंज में चुनाव प्रचार किया. बेलागंज में राजद सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ सिंह को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है और उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन लालू प्रसाद भी मैदान में उतरे.दिलचस्प बात यह है कि बेलागंज विधानसभा सीट पिछले कई वर्षों से आरजेडी का गढ़ रहा है. इस सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है.
जानें इस सीट का समीकरण
बेलागंज विधानसभा सीट में तकरीबन 70000 मतदाता यादव हैं, जबकि तकरीबन 60000 मतदाता मुस्लिम समाज से आते हैं. बताया जाता है कि मुसलमान और यादव जिस तरफ वोट करेंगे उस प्रत्याशी की जीत निश्चित है. शायद यही कारण है कि पिछले कई वर्षों से इस सीट पर राजद का दबदबा रहा है.
इस बार की लड़ाई है दिलचस्प
यह पहली बार है कि राजद को इस सीट को निकालने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. क्योंकि इस सीट पर राजद प्रत्याशी को केवल एनडीए प्रत्याशी मनोरमा देवी से ही नहीं बल्कि दो और मोर्चे पर जबरदस्त लड़ाई लड़नी पड़ रही है. विश्वनाथ सिंह के लिए जदयू प्रत्याशी मनोरमा देवी के साथ-साथ मुश्किल का सबब प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद अमजद और असदुद्दीन ओवैसी के पार्टी के जमीन अली खान है.
बंट सकता है मुस्लिम वोट
यह सीट जहां पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं वहां आरजेडी को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रशांत किशोर के पार्टी के प्रत्याशी और ओवैसी के पार्टी के प्रत्याशी ने कमर कस ली है. माना जा रहा है कि अगर इन दोनों मुस्लिम प्रत्याशियों के कारण मुस्लिम मतदाताओं का वोट बंटा तो राजद प्रत्याशी का जीतना मुश्किल हो जाएगा.
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शायद यही कारण है कि पिछले कुछ समय से आरजेडी सांसद सुरेंद्र यादव खुद अपने बेटे के लिए डोर टू डोर कैंपेनिंग कर रहे हैं और राजद के इस मजबूत किले को बचाने के लिए प्रचार प्रसार के आखिरी दिन लालू प्रसाद को भी मैदान में उतरना पड़ा.
प्रशांत किशोर ने कसा तंज
गौरतलब है कि, लालू प्रसाद इस उपचुनाव में किसी भी सीट पर प्रचार के लिए नहीं गए थे. लेकिन बेलागंज में पार्टी की नाक बचाने के लिए उन्हें खुद यहां पर प्रचार के लिए उतरना पड़ा. बेलागंज में लालू प्रसाद के प्रचार करने को लेकर प्रशांत किशोर ने तंज करते हुए कहा कि लालू प्रसाद ने यादव और मुसलमान वोट बैंक के बदौलत बिहार में कई वर्षों तक राज किया लेकिन अब वह उन्हीं के पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवार मोहम्मद अमजद को हराने के लिए मैदान में उतर गया है.
माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी झारखंड में प्रचार के कारण ज्यादा समय बिहार के उपचुनाव में प्रचार के लिए समय नहीं दे पा रहे हैं और इसीलिए लालू को भी खुद मैदान में उतरना पड़ गया. दूसरी तरफ एनडीए के तरफ से प्रत्याशी जदयू उम्मीदवार मनोरमा देवी के पक्ष में गठबंधन के बड़े-बड़े नेता लगातार बेलागंज में कैंप कर रहे हैं और एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए लगे हुए हैं.
रोहित कुमार सिंह