Parkash Singh Badal: 94 साल के सबसे उम्रदराज उम्मीदवार, जो 5 बार संभाल चुके पंजाब की कमान

Parkash Singh Badal: खास बात यह है कि प्रकाश सिंह बादल 1970 में जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तो वह देश में सबसे कम उम्र यानी 43 साल के किसी राज्य के मुख्यमंत्री थे. वहीं, साल 2012 में जब वह पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने तो वह देश के सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री थे और अब 2022 के चुनावी मैदान में उतरे तो सबसे ज्यादा उम्र के प्रत्याशी हैं.

Advertisement
प्रकाश सिंह बादल 10 बार विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ चुके हैं. प्रकाश सिंह बादल 10 बार विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ चुके हैं.

aajtak.in

  • मुक्तसर,
  • 11 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST
  • 10 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके प्रकाश बादल
  • लांबी सीट से ही लगातार 5 बार से हैं विधायक
  • पंजाब में सबसे कम और सबसे ज्यादा उम्र के CM

पंजाब की सियासत के बेताज बादशाह कहे जाने वाले शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) अपनी परंपरागत लांबी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस जानकारी को पढ़कर आपको लग रहा होगा कि इसमें आखिर खास बात क्या है? विधानसभा चुनाव में तो राजनीतिक दलों के उम्मीदवार उतरेंगे ही. लेकिन पंजाब के इस वयोवृद्ध उम्मीदवार की खास बात यह है कि वह 94 साल की उम्र में भी सियासी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं और वो भी 11वीं बार. एक ही सीट मुक्तसर जिले की लांबी विधानसभा से बादल 1997 से लगातार 5 चुनाव जीत रहे हैं.

Advertisement

प्रकाश सिंह बादल ने महज 20 साल की उम्र यानी 1947 में सरपंच का चुनाव जीतकर पहली बार राजनीति में कदम रखा और वे 1957 में पहली बार पंजाब विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए. 1969 में प्रकाश सिंह बादल फिर से विधानसभा के लिए चुने गए और गुरनाम सिंह की सरकार में उन्‍हें सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशु पालन, डेरी और मतस्‍य पालन मंत्रालय का कार्यभार दिया गया. बादल 1996 से 2008 तक अकाली दल के अध्‍यक्ष भी रहे. वहीं, प्रकाश सिंह बादल हमेशा ही पंजाब की राजनीति से बाहर नहीं निकले. हालांकि, साल 1977 में केंद्र की मोरारजी देसाई की सरकार में वह करीब ढाई महीने तक कृषि और किसान कल्याण मंत्री भी रहे हैं.

पंजाब की राजनीति के 'पितामह' प्रकाश सिंह बादल रिकॉर्ड 5 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और 10 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. बादल ने पहली बार 1970 में राज्‍य के 15वें मुख्‍यमंत्री के तौर पर शपथ ली, इसके बाद 1977 में वे राज्‍य के 19वें मुख्‍यमंत्री बने. बीस साल के बाद फिर उन्हें सत्ता की कमान ली, लेकिन इस बार बीजेपी के साथ गठबंधन करने का सियासी फल मिला था. 

Advertisement

1996 में बीजेपी और अकाली दल करीब आए और 1997 के विधानसभा चुनाव में पहली बार गठबंधन कर चुनाव लड़े. इसका सियासी फायदा दोनों ही दलों को मिला. बीजेपी की पंजाब में सियासी आधार बढ़ाने के लिए जमीन मिली तो बादल को सत्ता की कमान. 1997 में बादल ने राज्‍य के 28वें मुख्‍यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला और उन्‍होंने 2007 चौथी बार और 2012 में पांचवीं बार मुख्‍यमंत्री की कुर्सी संभाली.

साल 1957 के अलावा 1969 से वह लगातार राज्य विधानसभा के चुनाव जीतते आ रहे हैं. हालांकि, सिर्फ एक बार 1992 में वह विधायक नहीं बने, क्योंकि उस साल अकाली दल ने चुनावों का बहिष्कार किया था. 

लांबी सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि

बादल की पारंपरिक लांबी सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो 1997 से 2017 तक प्रकाश सिंह बादल पांच बार विधायक रहे. इससे पहले कांग्रेस तीन बार जीत चुकी है. कांग्रेस के उम्मीवार ने लंबी सीट से 1962, 1967 और 1992 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. 1969 और 1972 में इस सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के दाना राम विधायक निर्वाचित हुए तो 1977 में प्रकाश सिंह बादल के छोटे भाई गुरदास सिंह बादल विजयी रहे थे. उनके बाद 1982 और 1987 में हर दीपेंद्र सिंह शिरोमणि अकाली दल की तरफ से जीते. साल 1997 से लगातार प्रकाश सिंह बादल इसी सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं.  

Advertisement

सबसे कम उम्र और सबसे उम्रदराज CM रहे

खास बात यह है कि प्रकाश सिंह बादल 1970 में जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तो वह देश में सबसे कम उम्र यानी 43 साल के किसी राज्य के मुख्यमंत्री थे. वहीं, साल 2012 में जब वह पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने तो वह देश के सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री थे. इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे उम्रदराज प्रत्याशी हैं. 

एक बेटा और बेटी के पिता हैं प्रकाश सिंह बादल

प्रकाश सिंह बादल का जन्‍म 8 दिसम्‍बर 1927 को पंजाब में मालवा के नजदीक एक गांव अबुल खुराना में हुआ. वे एक जाट सिख हैं. उनके पिता का नाम रघुराज सिंह और मां का नाम सुंदरी कौर था. 1959 में उन्होंने सुरिंदर कौर से शादी की. दंपति के दो बच्चे सुखबीर सिंह बादल और परनीत कौर हैं. बेटी परनीत की शादी आदेश प्रताप सिंह कैरों से हुई, जो कि पंजाब के पूर्व सीएम प्रताप सिंह कैरों के बेटे हैं. वहीं, बादल की पत्नी सुरिंदर कौर का 2011 में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था.  

2017 का जनादेश

साल 2017 के चुनाव में लंबी सीट से आम आदमी पार्टी (एएपी) ने दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह को उम्मीदवार बनाया था.  कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पटियाला के साथ लंबी से भी चुनाव मैदान में उतर गए. सरदार प्रकाश सिंह बादल 66 हजार 375 वोट पाकर विजयी रहे. कैप्टन अमरिंदर सिंह 43605 वोट के साथ दूसरे और जरनैल सिंह 21 हजार 254 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे. बता दें कि पिछले चुनाव यानी साल 2017 में पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 77 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. वहीं, आम आदमी पार्टी को 20, अकाली दल के खाते में 15 सीटें और बीजेपी को 3 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 

Advertisement

20 फरवरी को वोटिंग

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में होने वाले चुनावों की घोषणा हो चुकी है. पंजाब में 20 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और परिणाम सभी पांचों राज्यों के साथ 10 मार्च को आएगा. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement