Lok Sabha Election 2024: यूपी के मिश्रिख से अशोक रावत फिर लड़ेंगे चुनाव, भाजपा ने इस वजह से जताया भरोसा

भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए अपनी पहली लिस्ट में 195 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. इनमें से कई उम्मदीवार ऐसे हैं जिन पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है तो कई के टिकट इस बार काट दिए गए हैं.

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अशोक रावत अशोक रावत

प्रशांत पाठक

  • लखनऊ,
  • 03 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए अपनी पहली लिस्ट में 195 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. इनमें से कई उम्मदीवार ऐसे हैं जिन पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है तो कई के टिकट इस बार काट दिए गए हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित उत्तर प्रदेश के मिश्रिख सुरक्षित संसदीय क्षेत्र से अनुसूचित जाति में पासी बिरादरी के बीजेपी से मौजूदा सांसद अशोक रावत को एक बार फिर पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है. अशोक रावत 2004 व 2009 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर तो 2019 में बीजेपी के टिकट पर मिश्रिख संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और संसद पहुंचे.

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पासी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं अशोक रावत
मिश्रिख संसदीय सीट में हरदोई जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र के अलावा सीतापुर जिले की मिश्रिख और कानपुर देहात की बिल्हौर विधानसभा तक फैली है. 49 साल के अशोक रावत अनुसूचित जाति में पासी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. संडीला विधानसभा के शाहपुर अटिया गांव के मूल निवासी और लखनऊ यूनिवर्सिटी से भारतीय इतिहास में परास्नातक हैं. 

चाचा रामपाल वर्मा बीजेपी विधायक
मिश्रिख संसदीय सीट भी अनुसूचित जाति बाहुल्य है और उसमें भी पासी बिरादरी बाहुल्य है तो उसमें अशोक रावत के परिवार का दबदबा है उनके एक सगे चाचा रामपाल वर्मा हरदोई जिले की कछौना सुरक्षित विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं तो एक चचेरे भाई प्रभाष कुमार हरदोई लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सांडी सुरक्षित विधानसभा से विधायक हैं. 

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2004 और 2009 में BSP से सांसद रह चुके हैं
अशोक रावत 2004 और 2009 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर मिश्रिख से सांसद रह चुके हैं. वर्ष 2014 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी डॉ अंजू बाला ने हराया था. 2019 में बीजेपी ने अंजू बाला का टिकट काटकर बसपा से बीजेपी में आये अशोक रावत को अपना उम्मीदवार बनाया और वो भाजपा के टिकट पर एक लाख छह हजार से अधिक मतो से बसपा की नीलू सत्यार्थी को हराकर तीसरी बार संसद पहुंचने में सफल रहे. 

इस बार पूर्व राज्य मंत्री रामपाल राजवंशी से मुकाबला
अशोक रावत का मुकाबला इस बार पासी बिरादरी के ही सीतापुर जिले से ताल्लुक रखने वाले इलाके के एक कद्दावर नेता पूर्व राज्य मंत्री रामपाल राजवंशी से है जिन्हें सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. अपनी लोकसभा में नैमिषारण्य क्षेत्र के विकास संडीला में रेलवे क्रॉसिंग पर पुल निर्माण, संडीला के औद्योगिक क्षेत्र में रिकॉर्ड निवेश, लखनऊ जनपद की सीमा पर स्वीकृत टेक्सटाइल पार्क जहां उनकी इस बार की उपलब्धि रही, तो बसपा सांसद के तौर पर 2015 में अपनी विदेश यात्रा में कुछ युवकों को अपने साथ ले जाने के कबूतर बाजी प्रकरण में भी उनका नाम सुर्खियां बना था. 

मिश्रिख संसदीय सीट से मौजूदा सांसद अशोक रावत के अलावा उन्हीं की बिरादरी के वीरेंद्र वर्मा और उन्नाव जिले से धोबी बिरादरी के विधायक बम्बा लाल दिवाकर ने बीजेपी में टिकट के लिए आवेदन किया था, जिनमें पासी बिरादरी में अशोक रावत की मजबूत पैठ चाचा और चचेरे भाई के विधायक होने के कारण बाकी दोनों आवेदन करने वाले लोगों के मुकाबले अशोक रावत की राजनीतिक हैसियत कहीं अधिक पायी गयी जिसके चलते बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है.

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