गुजरात के मतदान प्रतिशत में कमी की वजह गर्मी बताई जा रही है. गुजरात में आमतौर पर अप्रैल के तीसरे या चौथे सप्ताह में मतदान होता था, पर इसबार मई के दूसरे सप्ताह में हुआ. कम मतदान की एक बड़ी वजह गर्मी को माना जा रहा है. अभी तो दोनों ही बड़े दल कम मतदान के मतलब को समझने में लगी और अपनी स्थिति का आकलन कर रही है. गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में हमेशा ज्यादा मतदान होता है. वो इस बार भी देखने को मिला.
सबसे ज्यादा मतदान वलसाड सीट पर 72.24 प्रतिशत रहा जो पिछले चुनाव के मुकाबले 3 प्रतिशत कम ही है. मतदान के बाद ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि गर्मी की वजह से 2-3 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है. फिर भी भाजपा सभी सीटों पर जीतेगी और लगातार तीसरी बार सभी 26 सीटें जीतकर जीत का हैट्रिक लगाएगी. लोंगो ने प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के चेहरे और उनकी सरकार के विकास कार्यों को देखकर वोट किया है.
सूरत से बीजेपी की निर्विरोध जीत
पिछले दोनों चुनावों कि तरह इसबार भी सभी सीटों पर कमल खिलेगा. सूरत लोकसभा सीट पर पहले ही भाजपा निर्विरोध चुनाव जीत चुकी है. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनीष दोषी ने कहा कि कांग्रेस को इसबार साल 2009 के चुनाव परिणाम दोहराने की आशा है. साल 2009 में कांग्रेस 11 सीटें जीती थी, जबकि भाजपा को 15 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस का दावा है कि गर्मी की वजह से लोग कम बाहर निकले. साथ ही भाजपा का जो मतदाता कांग्रेस के वोट नहीं देना चाहता था वो भी नाराजगी के चलते बाहर नहीं निकले. इस वजह से पिछले चुनाव से कम मतदान हुआ है.
कांग्रेस को 2009 का चुनाव परिणाम दुहराने की उम्मीद
कांग्रेस का दावा है कि लोग केन्द्र सरकार के काम से नाराज थे. इसलिए कांग्रेस को उम्मीद है कि साल 2009 का चुनाव परिणाम वह दोहरा पाएंगे. दोनों पक्षों ने तो अपने अपने दावे कर दिए पर गुजरात की राजनीति को लंबे अरसे से देखने वाले वरिष्ठ राजकीय विश्लेषक डॉ. शिरीष काशीकर ने कहा कि गर्मी एक बड़ी वजह रही. इसकी वजह से लोग मतदान के लिए दोपहर के वक्त बाहर नहीं निकले. दूसरा कारण यह भी रहा कि भाजपा का वोटर जीत के भरोसे की वजह से थोड़ा कम बाहर आया.
ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ ज्यादा मतदान
खासकर के शहरी-अर्ध शहरी क्षेत्रो में. ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता ज्यादा संख्या में बाहर निकले और मतदान किया. तीसरा कारण क्षत्रिय आंदोलन का भी रहा. यहां कांग्रेस को क्षत्रिय आंदोलन के फायदे की उम्मीद थी, पर उतना फायदा नहीं दिखा. कुछ क्षेत्रों में क्षत्रिय मतदाता वोटिंग से दूर रहे. अभी यह अंतिम आंकड़े नहीं हैं. पहले और दूसरे चरण में अंतिम आंकड़े देरी से आये थे. गुजरात में भी आखरी आंकड़े आएंगे. इसमें 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इससे स्पष्ट हो जाएगा कि गर्मी ही बड़ी वजह रही.
सिर्फ बनासकांठा में पिछली बार से ज्यादा रहा मतदान प्रतिशत
राज्य में सिर्फ बनासकांठा सीट ही ऐसी है, जहां पर पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा मतदान हुआ. इसबार 3.76 प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ. यह तो सभी के अपने अपने दावे हैं, लोगों ने गर्मी के बावजूद बाहर निकलकर मतदान किया है और सभी 25 सांसद चुन लिए हैं. यह सांसद कौन होंगे और क्या भाजपा क्लीन स्वीप की हैट्रिक लगा पाएगी यह तो 4 जून को ही पता चलेगा.
गुजरात में कौन सी सीट पर कितना वोटिंग (%)
सीट 2019 2024
कच्छ 58.22 55.05
बनासकांठा 64.68 68.44
पाटन 62.06 57.88
महेसाना 65.38 59.04
साबरकांठा 67.22 63.04
गांधीनगर 65.57 59.19
अहमदाबाद पूर्व 61.29 54.04
अहमदाबाद पश्चिम 60.37 54.43
सुरेन्द्रनगर 57.86 54.77
राजकोट 63.15 59.60
पोरबंदर 56.80 51.79
जामनगर 60.68 57.17
जूनागढ 60.74 58.80
अमरेली 55.75 49.44
भावनगर 58.41 52.01
आणंद 66.80 63.96
खेडा 60.67 57.43
पंचमहाल 61.73 58.65
दाहोद 66.18 58.66
वडोदरा 67.87 61.33
छोटा उदेपुर 73.44 67.78
भरुच 73.23 68.75
बारडोली 73.58 64.59
नवसारी 66.10 59.66
वलसाड 75.22 72.24
सूरत 64.41
ब्रिजेश दोशी