फर्जी वोटिंग रोकने के लिए BJP का प्लान, मुस्लिम महिलाएं बनेंगी पोलिंग एजेंट

फर्जी वोटिंग रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में बीजेपी की मुस्लिम महिला ब्रिगेड सक्रिय हो गयी है. पहली बार 20 हजार बूथों को चिह्नित कर इसमें से 33% में मुस्लिम महिला पोलिंग एजेंट बनाने के लिए पार्टी ने तैयारी की है. अब पोलिंग एजेंट महिलाएं घनी मुस्लिम आबादी में मुस्लिम महिलाओं को जागरूक कर रही हैं. उनका कहना है कि इससे मुस्लिम महिलाओं के मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा और फर्जी वोटिंग भी रुकेगी.

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बैठक करती बीजेपी की मुस्लिम महिला कार्यकर्ता बैठक करती बीजेपी की मुस्लिम महिला कार्यकर्ता

शिल्पी सेन

  • लखनऊ,
  • 15 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने मुस्लिम आबादी के बीच पकड़ मजबूत करने के लिए बीजेपी ने बूथों पर मुस्लिम महिलाओं को पोलिंग एजेंट बनानी की तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे फर्जी वोटिंग रोकने और मतदान प्रतिशतता बढ़ाने में मदद मिलेगी. वैसे  प्रधानमंत्री के चेहरे को आगे रख कर पार्टी ने  इस चुनाव जगह-जगह 'मोदी भाईजान'( Modi Bhaijaan) नारा बुलंद कर रही है. इसी नारे के साथ बीजेपी के कार्यकर्ता मुस्लिम आबादी के बीच जलसा या मीटिंग कर रहे हैं.

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लखनऊ की घनी मुस्लिम आबादी वाले रुस्तम नगर की गली में घूम-घूम कर प्रचार कर रही फरहा  और तैय्यबा फातिमा  बीजेपी की तरफ से इस चुनाव में पोलिंग एजेंट की जिम्मेदारी सम्भालने वाली हैं. दोपहर के वक्त महिलाओं के साथ सम्पर्क का कार्यक्रम रखा गया है. इसमें स्थानीय बीजेपी नेता को भी बुलाया गया है. 

पोलिंग एजेंट बनाने का मकसद फर्जी वोटिंग रोकना
फरहा का कहना है कि बूथों पर हमलोगों का पोलिंग एजेंट बनने का मकसद फर्जी वोटिंग को रोकना है. पूरे प्रदेश में 20 हजार ऐसे बूथों को चिह्नित किया गया है, जहां मुस्लिम बहुल आबादी है और उनमें पोलिंग एजेंट के रूप में 33 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं को जिम्मेदारी दी जाएगी.

हमेशा से फर्जी वोटिंग का लगता रहा है आरोप 
वोटिंग करने के आरोप हर चुनाव में लगते रहे हैं. पहली बार यूपी में पार्टी ने उन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मुस्लिम महिलाओं को ही एजेंट बनाने का फैसला किया है. जहां मुस्लिम महिलाएं बड़ी संख्या में वोट डालने आती हैं. इनमें ऐसे बूथ भी हैं जहां बीजेपी का बूथ स्ट्रक्चर (booth structure) नहीं है. इसके लिए कार्यशाला और मीटिंग्स के जरिए इनकी ट्रेनिंग करवायी गयी है.

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तीन तलाक पर रोक के फायदे गिना रहीं महिला कार्यकर्ता
अब बीजेपी की ये महिला कार्यकर्ता न सिर्फ मुस्लिम बहुल इलाकों में महिलाओं के बीच अनिवार्य मतदान का प्रचार करती हैं, बल्कि इनको समझा भी रही हैं कि उनका वोट कितना जरूरी है. यही नहीं तीन तलाक पर रोक और बिना किसी भेदभाव के मुस्लिम आबादी को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने की बात भी समझा रही हैं. इसके साथ ही  नारा लग रहे हैं कि दूरी है न खाई है, मोदी हमारा भाई है. 

पोलिंग एजेंट बनने वाली कार्यकर्ताओं को यकीन है कि मुस्लिम महिलाओं को अब ये बात समझ में आ गयी है कि लोग अपने फायदे के लिए वोट डाल कर बुर्के को बदनाम करते हैं. जिन महिलाओं से ये मिल रही हैं उनको तीन तलाक पर रोक से हुए मुस्लिम महिलाओं के जीवन में आए बदलाव के बारे में भी बताया जा रहा है. ज्यादातर प्रचार मीटिंग दोपहर के वक्त हो रही हैं.

बीजेपी फर्जी वोटिंग रोकने के खिलाफ तैयारी में जुटी
इस बार के चुनाव में पहले से ही फर्जी वोटिंग का मामला उठ रहा है.  हैदराबाद में भी ओवैसी के खिलाफ लड़ने वाली बीजेपी प्रत्याशी माधवी लता ने भी ये मामला उठाया है. तो यूपी में बीजेपी ने पुराने मामलों का हवाला दिया है, जिनकी शिकायत पहले के चुनाव में निर्वाचन आयोग से पार्टी में की है. ऐसे में बीजेपी ने न सिर्फ मुस्लिम महिला कार्यकर्ताओं को इससे जोड़ा है, बल्कि पार्टी की रणनीति इस बहाने मुस्लिम बहुल इलाकों में महिला वोटरों और उनके जरिए उनके घर के पुरुष सदस्यों तक पहुंचने की भी है.

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