तमिलनाडु की तंजावुर लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर सीधा मुकाबला AIADMK गठबंधन और DMK गठबंधन के बीच है. DMK ने यहां से S S Palanimanickam को उम्मीदवार बनाया है, जबिक तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) ने एन आर नटराजन को मैदान में उतारा है. इस पार्टी का AIADMK के साथ गठबंधन है.
तंजावुर लोकसभा सीट पर कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. यह लोकसभा सीट अपने मंदिरों, आर्किटेक्ट के लिए मशहूर है. 2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके ने यहां से जीत दर्ज की थी. के परसुरामन यहां से सांसद हैं, उन्हें 5,10,307 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर डीएमके के दिग्गज नेता टीआर बालू रहे. उन्हें 3,66,188 वोट मिले थे. तंजावुर लोकसभा सीट के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. ये हैं- ओरथानंद, थिरूवोनम, तंजावुर, तिरूवैयारू, पापनासम, वलंगीमान (सुरक्षित).सामाजिक तानाबाना
जहां तक बात राजनीति की है तो यह सीट कांग्रेसियों का गढ़ रही है. लेकिन हाल के कुछ चुनावों में डीएमके यहां बाजी मारती रही है. हालांकि, आखिरी लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके ने यहां जीत हासिल की थी. एआईएडीएमके के के. परसुरामन यहां से सांसद हैं. तंजावुर सीट पर कुल 13.40 लाख मतदाता हैं. जिसमें पुरुषों का प्रतिशत 49.44 है बाकी महिलाओं का प्रतिशत 50.56 है. प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की तादाद 1022 है.
राजनीतिक पृष्ठभू्मि
इस सीट पर 1952, 1957 और 1962 में कांग्रेस को जीत मिली थी. लेकिन 1967 में डीएमके ने यह सीट कांग्रेस से छीन ली थी. 1971 में डीएमके यह सीट अपने पास रखने में कामयाब रही. लेकिन 1977 में पहली बार एआईएडीएमके ने यहां से पहली बार जीत दर्ज की. लेकिन 1979 के उपचुनाव में लंबे समय बाद इस सीट पर कांग्रेस ने वापसी की.
साल 1980, 1984, 89 और 91 में कांग्रेस की जीत का सिलसिला जारी रहा. लेकिन 1996 में डीएमके ने इस सीट पर दोबारा कब्जा कर लिया. 1998, 1999, 2004 और 2009 तक यह सीट डीएमके के पास रही. लेकिन 2014 में एआईएडीएमके ने डीएमके से यह सीट छीन ली.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
के. परसुरामन यहां से पहली बार 2014 में लोकसभा सांसद बने. उनकी शैक्षणिक योग्यता स्नातक है. वे 16वीं लोकसभा में शहरी विकास मंत्रालय की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य हैं. 6 फरवरी, 2019 के आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा में उनकी उपस्थिति 69 फीसदी रही है. उन्होंने 80 बहसों में हिस्सा लेते हुए इस दौरान 582 प्रश्न पूछे. उन्होंने अपनी सांसद निधि से 79.84 फीसदी रकम अपने क्षेत्र के विकास पर खर्च की.
तंजावुर बृहदेश्वर मंदिर और तंजौर पेंटिंग के लिए भी जाना जाता है. कावेरी के डेल्टा में मौजूद तंजावुर को तमिलनाडु का धान का कटोरा भी जाता है क्योंकि यहां चावल का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है.
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अमित कुमार दुबे