महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट पर भाजपा के संजय काका पाटिल ने स्वाभिमानी पक्ष के विशाल प्रकाशबापू पाटिल को 164352 वोटों से हराया. संजय काका पाटिल को 508995 और विशाल प्रकाशबापू पाटिल को 344643 वोटों से हरा दिया. सांगली लोकसभा सीट पर 23 अप्रैल को तीसरे चरण में वोट डाले गए थे. इस सीट से 31 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार सांगली लोकसभा सीट पर 65.38 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था, जबकि साल 2014 में यहां 63.52 प्रतिशत वोटिंग रिकॉर्ड की गई थी. इस संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख 3 हजार 54 मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन कुल 11 लाख 78 हजार 818 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
इस लोकसभा सीट पर मतगणना के दौरान मिलने वाले रुझान और अंतिम परिणाम जानने के लिए इस पेज पर बने रहिए. इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है. लिहाजा आप भी इस पेज को लगातार रिफ्रेश करते रहिए.
कौन-कौन थे उम्मीदवार
महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद संजय रामचंद्र पाटिल को उम्मीदवार बनाया था. वहीं, कांग्रेस ने इस बार सांगली लोकसभा सीट अपनी सहयोगी स्वाभिमानी शेतकारी संगठन को दे दी है. स्वाभिमानी पक्ष से विशाल प्रकाशराव चुनाव लड़ रहे हैं.
इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी से शंकर मार्तंड, वंचित बहुजन आघाडी से गोपीचंद कुंडलीक पालकर और बहुजन मुक्ति मोर्चा से राजेंद्र नामदेव चुनावी मैदान में हैं. इस बार सांगली लोकसभा सीट पर कुल 12 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें 6 निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं.
साल 2014 का चुनाव परिणाम
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का ऐसा असर हुआ कि चुनावी समीकरण ही बदल गया और बीजेपी के संजय पाटिल ने जीत हासिल की. उन्हें 6 लाख 11 हजार 563 वोट मिले थे, तो वहीं कांग्रेस के प्रतीक पाटिल को 3 लाख 72 हजार 271 वोट हासिल हुए थे. हालांकि इस बार बीजेपी के सामने इस सीट पर अपना जलवा कायम रखने की चुनौती है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
साल में 1957 और 1962 में सांगली, मिरज लोक सभासीट के नाम से जानी जाती थी. 1957 में PWPI के बलवंत पाटील और 1962 में कांग्रेस के विजयसिंहराव रामाराव दाफले सांसद बने थे. उसके बाद इस सीट का नाम सांगली लोकसभा सीट हो गया. 1967 से कांग्रेस का जो दबदबा शुरू हुआ, उसे 2014 में 52 साल बाद चुनौती मिली जब बीजेपी के संजय काका पाटील यहां से सांसद बने.
साल 1967 में कांग्रेस से एसडी पाटील, 1971 से 1980 तक गणपति टी गोटखिंडे, 1980 से 1984 तक वसंतदादा पाटील, 1984 से 1996 तक प्रकाशबापू वसंतदादा पाटील, 1996 से 1999 मदन पाटील, 1999 से 2006 तक प्रकाशबापू वसंतदादा पाटील, 2006 से 2014 तक प्रतीक पाटील सांसद बने. 2014 में मोदी लहर ने कांग्रेस की इस विरासत को खत्म किया और संजयकाका पाटील सांगली लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए.
सांगली लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट आती हैं. यहां की विधानसभा सीटों पर बीजेपी मजबूत स्थिति में है. मिरज, सांगली, जाठ में बीजेपी, खानपुर में शिवसेना, फालुस काडेगांव में कांग्रेस और तासगांव-कवाथे महाकाल से एनसीपी के विधायक हैं.
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राम कृष्ण / अजय भारतीय