पश्चिम बंगाल की मालदा दक्षिण लोकसभा सीट पर 23 मई को मतगणना के बाद चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं. इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अबू हसम खान चौधरी ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी श्रीरूपा मित्र चौधरी को 8222 वोटों से शिकस्त दी है.
कब और कितनी हुई वोटिंग
मालदा दक्षिण सीट पर तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को वोट डाले गए और कुल 81.01 फीसदी मतदान हुआ. कांग्रेस ने एक बार फिर अबू हसम को चुनाव लड़ाकर जीत हासिल करने का दांव खेला.
कौन-कौन उम्मीदवार
कांग्रेस की ओर से इस सीट पर 2014 में चुनाव जीत चुके अबू हसम खान चौधरी चुनाव लड़े. तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट से मोइज्जम हुसैन को उतारा है. इनके मुकाबले के लिए बीजेपी ने श्रीरूपा मित्र चौधरी और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया अंगशुधर मंडल चुनावी मैदान उतारा. वहीं, बहुजन समाज पार्टी के फूलचंद मंडल इस सीट से चुनाव लड़े.
2014 का जनादेश
पिछले आम चुनावों में भी कांग्रेस के टिकट पर अबु हसम खान चौधरी 380,291 वोट यानी 34.81 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल करने में सफल रहे. आम तौर पर माना जाता है कि मुस्लिम मतदाता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट नहीं देते हैं, लेकिन मुस्लिम बहुल वाले इस सीट पर वह पिछले चुनाव में बीजेपी दूसरे स्थान पर रही. बीजेपी के उम्मीदवार विष्णुपाडा रॉय 216,181 वोट यानी 19.79 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वहीं माकपा के उम्मीदवार अबु हसनत खान तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 209,480 वोट मिले थे.
सामाजिक ताना-बाना
जनगणना 2011 के मुताबिक मालदा दक्षिण लोकसभा सीट की आबादी 23,68,145 है और इसमें 65.69% लोग गांवों में रहते हैं जबकि 34.31% आबादी शहरी है. इनमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी क्रमशः 14.92 फीसदी और 3.59 फीसदी है. 2017 की मतदाता सूची के मुताबिक 1512 मतदाता केंद्र हैं जहां 14,65,113 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं. 2014 के संसदीय चुनावों में 81.09 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे जबकि 2009 के आम चुनावों में 78.84 फीसदी लोगों ने मतदान किए थे. मालदा और मुर्शिदाबाद जिले के तहत आने वाली मालदा दक्षिण लोकसभा सीट के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें मानिकचक, इंग्लिश बाजार, मोठाबाड़ी, सुजापुर, वैष्णवनगर, फरक्का और समसेरगंज विधानसभा सीटें शामिल हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
साल 2009 में हुए परिसीमन में मालदा लोकसभा सीट दो हिस्सों में बंट गई. इनमें एक मालदा उत्तर लोकसभा सीट और दूसरी मालदा दक्षिण लोकसभा सीट बनीं. यह सीट ज्यादातर समय कांग्रेस का कब्जा रहा है. पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक दो बार ही ऐसे मौके आए जब इस सीट पर माकपा के उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे. 1971 और 1977 के आम चुनावों माकपा के दिनेश चंद्र जोरदार लगातार चुनाव जीतते रहे.
पहले लोकसभा चुनाव 1951 में कांग्रेस के टिकट पर सुरेंद्र मोहन घोष चुनाव जीते थे. उनके बाद 1957 और 1962 के चुनावों में कांग्रेस से रेणुका राय चुनाव जीतीं. 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने यू. रॉय को मैदान में उतारा जिन्होंने जीत हासिल की. 1971 और 1977 में कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी. इसके बाद ए.बी.ए. घनी खान चौधरी 1980, 1984, 1989, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 तक लगातार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतते रहे. वह यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे. 2005 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के अबु हसेम खान चौधरी ने जीत हासिल की थी.
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सना जैदी