लोकसभा चुनाव 2019 के तहत गुजरात की भावनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने फिर अपना परचम लहराया है. भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) प्रत्याशी डॉ. भारतीबेन शियाल 329519 वोटों के अंतर से अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को शिकस्त देने में कामयाब रहे. सामान्य वर्ग वाली इस सीट पर कुल 10 प्रत्याशी मैदान में थे. हालांकि मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा.
2019 का जनादेश
भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) प्रत्याशी डॉ. भारतीबेन शियाल को छह लाख 61 हजार 273 वोट मिले, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार मनहर पटेल को तीन लाख 31 हजार 754 वोट मिले. 16383 वोटों के साथ नोटा का वोट प्रतिशत 1.57 रहा. बहुजन समाज पार्टी के विजय माकडिया को 6941 वोट मिले. बता दें कि इस सीट पर तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को मतदान हुआ था और मतदान का प्रतिशत 58.43 था.
2014 का चुनाव
पिछले चुनाव में इस सीट पर 57.5% मतदान हुआ था जिसमें बीजेपी प्रत्याशी डॉ भारतीबेन शियाल को 549,529 वोट (59.9%) और कांग्रेस प्रत्याशी जीनाभाई प्रवीणभाई राठौड़ को 254,041 (27.7%) वोट मिले थे. बीजेपी ने फिर भारतीबेन को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने प्रत्याशी बदल दिया है. भावनगर लोकसभा सीट पर 2014 के चुनाव में कुल 56.96 फीसदी वोटिंग हुई थी. जबकि इससे पहले 2009 में यहां पर महज 45.17 फीसदी वोट पड़े थे.
सामाजिक ताना-बाना
2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां की कुल आबादी 23,10,078 है. इसमें से 55 फीसदी आबादी ग्रामीण और 45 फीसदी शहरी है. अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 5.66 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (ST) 0.34 प्रतिशत है. भावनगर जिले में 90 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी है. जबकि मुस्लिम करीब 8 फीसदी हैं. भावनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सात विधानसभा सीट आती हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में 6 सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं और कांग्रेस सिर्फ सुरक्षित सीट गधेड़ा से जीत पाई थी.
भावनगर सीट का इतिहास
भावनगर सीट पर पहला चुनाव 1962 में हुआ था और अब तक कुल 15 बार यहां चुनाव हो चुके हैं. इनमें 5 बार कांग्रेस को जीत मिली है और पिछले सात चुनाव लगातार बीजेपी ने जीते हैं. पहला चुनाव प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने जीता था.
कांग्रेस ने 1967 उपचुनाव, 1967 आम चुनाव, 1980, 1984, 1989 के आम चुनाव में जीत दर्ज की. इसके बाद 1991 से लगातार 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में भारतीय जनता पार्टी को यहां जीत मिली. 2014 से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच जीत का अंतर दस हजार वोटों के आसपास रहा है, लेकिन 2014 में भारतीबेन ने कांग्रेस के प्रतिद्वंदी जीनाभाई प्रवीणभाई राठौड़ को आधे से भी ज्यादा अंतर से हराया था.चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर
राहुल झारिया