सीलमपुर हिंसा में आरोपी AAP उम्मीदवार अब्दुल रहमान बोले- मेरे ऊपर लगे झूठे आरोप

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सीलमपुर में हुई हिंसा में पुलिस की ओर से दर्ज की गयी FIR में सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से AAP के नए उम्मीदवार अब्दुल रहमान का नाम है.

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अब्दुल रहमान (फोटो- पंकज जैन) अब्दुल रहमान (फोटो- पंकज जैन)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

  • सीलमपुर से अब्दुल रहमान को AAP का टिकट
  • सीलमपुर हिंसा में दर्ज FIR में है रहमान का नाम
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में आम आदमी पार्टी ने सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से अब्दुल रहमान को टिकट दिया है. इस विधानसभा से पार्टी ने मौजूदा विधायक हाजी इशराक का टिकट काट दिया है. टिकट कटने के बाद हाजी इशराक अपने कार्यकर्ताओं के साथ विरोध में उतर आए हैं तो वहीं सीलमपुर से नए उम्मीदवार का कानूनी विवाद सामने आया है.

दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ सीलमपुर में हुई हिंसा में पुलिस की ओर से दर्ज की गयी FIR में सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से AAP के नए उम्मीदवार अब्दुल रहमान का नाम है. इस पूरे मामले में 'आजतक' ने अब्दुल रहमान से खास बातचीत की है.

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'लोगों से हिंसा न करने की अपील'

अब्दुल रहमान ने कहा, 'वो एक राजनीतिक FIR थी. मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाकर FIR की गयी थी. किसने FIR की मुझे नहीं पता है. FIR में ढाई बजे का समय लिखा हुआ लेकिन मैं 2 बजे से ऑफिस में था और शाम 5:30 बजे तक अपने फेसबुक पर लाइव बातचीत कर रहा था. हमने लोगों से हिंसा न करने की अपील की, मैं आज भी हिंसा के खिलाफ हूं.'

यह भी पढ़ें: टिकट न मिलने पर AAP विधायकों के बागी तेवर, बदल सकते हैं पार्टी

वहीं अब्दुल रहमान ने पुलिस को चुनौती देते हुए कहा, 'अगर मेरे नाम की या मेरी कोई एक क्लिप पुलिस दिखा दे तो मैं FIR को सच्चा मान लूंगा. मैं चाहता हूं जांच हो, जांच हुई तो सच्चा साबित होऊंगा.' इसके अलावा मौजूदा विधायक हाजी इशराक की टिकट काटने के बाद नाराजगी के सवाल पर अब्दुल रहमान ने कहा कि पार्टी तय करती है कि टिकट किसे देना है.

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नाराजगी होना स्वाभाविक

रहमान ने कहा, 'वो (हाजी इशराक) मेरे बड़े भाई हैं, मैं आज भी उन्हें ही उम्मीदवार मानता हूं. नाराजगी होना स्वाभाविक है, टिकट कटने पर सबको थोड़ी देर के लिए गुस्सा रहता है. मेरी अंतिम पल तक कोशिश रहेगी कि नामांकन भरने से पहले उन्हें मना लूं और हम दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़ें. बुजर्गों से सुना है कि रूठने वाले से मनाने वाला बड़ा होता है.'

बता दें कि टिकट मिलने से पहले अब्दुल रहमान जाफराबाद से आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे हैं. हालांकि पुलिस ने अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. 17 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक अब्दुल रहमान भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे.

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