कुम्हरार विधानसभा सीट: कायस्थ वोटरों के सहारे जीत हासिल करने की कोशिश में भाजपा

करीब चार लाख वोटरों वाली कुम्हरार विधानसभा सीट पर कायस्थ समाज का दबदबा है. यहां करीब एक लाख कायस्थ वोटर हैं, ऐसे में हर राजनीतिक दल की नजर उनपर ही रहती है.

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स्थानीय विधायक अरुण कुमार सिन्हा स्थानीय विधायक अरुण कुमार सिन्हा

मोहित ग्रोवर

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST
  • बिहार में विधानसभा चुनाव की हलचल शुरू
  • कुम्हरार विधानसभा सीट पर बीजेपी की नजर
  • बीते दो चुनाव में भाजपा ने ही हासिल की जीत

बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, अब दस नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की कुम्हरार विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 35.69 फीसदी मतदान हुआ.

बिहार की राजधानी पटना की सात विधानसभाओं में से एक कुम्हरार विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा है. पिछले दो चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां पर बाजी मारी है और इस बार भी जीत पर नजर है. परिसीमन से पहले यहां कभी बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इस सीट का नेतृत्व किया करते थे. 

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कौन-कौन है मैदान में?
भाजपा – अरुण कुमार सिन्हा
राजद – धर्मेंद्र कुमार
बसपा – प्रभुनाथ कुमार आजाद
एनसीपी – सुमित रंजन सिन्हा 

कब होना है चुनाव? 
दूसरा चरण – 3 नवंबर
नतीजा – दस नवंबर

कुम्हरार विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास?
ये विधानसभा सीट परिसीमन के बाद ही बनी है, ऐसे में अभी यहां पर दो ही बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. पहले ये सीट पटना मध्य विधानसभा हुआ करता था. 2010 और 2015 विधानसभा में यहां भारतीय जनता पार्टी के अरुण कुमार सिन्हा ने बाजी मारी. बीजेपी ने एक बार कांग्रेस तो एक बार एलजेपी को यहां मात दी है. एलजेपी अभी गठबंधन में भाजपा के साथ है. 

क्या कहता है सामाजिक तानाबाना?
करीब चार लाख वोटरों वाली कुम्हरार विधानसभा सीट पर कायस्थ समाज का दबदबा है. यहां करीब एक लाख कायस्थ वोटर हैं, ऐसे में हर राजनीतिक दल की नजर उनपर ही रहती है. कायस्थ के अलावा भूमिहार और अतिपिछड़ा वोटरों की भी अच्छी खासी संख्या है. यहां कुल वोटरों की संख्या चार लाख से अधिक है, जबकि इनमें 54 फीसदी पुरुष और 45 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं. 

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2015 में क्या रहा था नतीजा?
पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बहुत अच्छा मतदान नहीं हुआ था और सिर्फ 38 फीसदी वोट डल पाए थे. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के अरुण कुमार सिन्हा को 56 फीसदी वोट यानी 86 हजार से अधिक वोट मिले थे. उनके बाद दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के आकिल हैद को करीब 50 हजार ही वोट मिल पाए थे.

स्थानीय विधायक के बारे में?
विधानसभा में पार्टी की ओर से चीफ व्हिप की भूमिका निभा चुके अरुण कुमार सिन्हा इस इलाके में भाजपा के बड़े नेताओं में शामिल हैं. उन्होंने लगातार दो बार यहां से चुनाव जीता है. इससे पहले भी पार्टी में अलग-अलग पदों पर रहे हैं. पिछले चुनाव में दाखिल हलफनामे के मुताबिक, अरुण कुमार सिन्हा दो करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. कुछ वक्त पहले अरुण कुमार सिन्हा के घर में चोरों ने धावा बोल दिया था, इस दौरान वो काफी सुर्खियों में भी रहे थे. 


 

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