बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 मई को आने हैं. राज्य में 8वें और अंतिम चरण के मतदान के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दमदार प्रदर्शन करती नजर आ रही है. लगभग हर एग्जिट पोल में ममता बनर्जी के कूटनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी फेल होती नजर आ रही है. सीएनएक्स, जन की बात, सी वोटर, टुडे चाणक्य और इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के जारी एग्जिट पोल में अनुमान है कि बीजेपी 100 का आंकड़ा आराम से क्रॉस कर रही है.
सीएम ममता के रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी PK ने बंगाल चुनाव से पहले दावा किया था कि अगर बीजेपी को थ्री डिजिट में सीटें मिलती हैं तो वे चुनावी रणनीति का काम छोड़ देंगे. अब ताजा एग्जिट पोल में उनके दावे ध्वस्त होते नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब चर्चा यह भी शुरू हो गई है कि बंगाल के लिए एग्जिट पोल के अनुमान यदि चुनाव नतीजों में तब्दील होते हैं तब प्रशांत किशोर क्या करेंगे?
क्या प्रशांत किशोर संन्यास लेंगे?
क्या प्रशांत किशोर भविष्य में चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में नजर आएंगे या फिर अपने दावे के मुताबिक बीजेपी के 100 से ज्यादा सीटें जीतने पर अपनी इस भूमिका से संन्यास ले लेंगे? ये मसला अब चर्चा में रहने वाला है. गौरतलब है कि बंगाल में चुनावी घमासान के बीच पीके ने दावा किया था कि अगर बीजेपी की सीटों की संख्या बंगाल में थ्री डिजिट को पार नहीं कर पाएगी. ऐसा हुआ तो वे अपने काम से संन्यास ले लेंगे. PK ने ये भी कहा था कि बीजेपी सिर्फ माहौल बनाती है, ग्राउंड पर कुछ नहीं है.
बता दें कि इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी को बंगाल में 134 से 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. एग्जिट पोल के मुताबिक सत्ताधारी टीएमसी 130 से 156 सीटों पर सिमट सकती है.
ममता के रणनीतिकार ने चैट में मानी हार...
बंगाल में चौथे चरण के चुनाव के दौरान बीजेपी ने प्रशांत किशोर का ऑडियो चैट रिलीज किया था, जिसमें ममता बनर्जी की हार की बात सामने आई थी. ये ऑडियो चैट बीजेपी के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने जारी किया था. इसमें प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया था कि बंगाल में बीजेपी जीत रही है. हालांकि प्रशांत किशोर ने बीजेपी के इस दावे को नकारते हुए कहा था कि पार्टी उनकी बातचीत के चुनिंदा हिस्से जारी करने के बजाय पूरी बातचीत जारी करे ताकि सच्चाई सामने आ सके. ये ऑडियो रिकॉर्डिंग क्लब हाउस ऐप पर चल रही चर्चा के थे.
2014 में चमका था 'ब्रांड PK'
प्रशांत किशोर बतौर चुनावी रणनीतिकार 2014 से सुर्खियों में आए थे. बिहार में नीतीश कुमार के साथ काम करते हुए ब्रांड PK चमका था. 2014 लोकसभा चुनाव में PK ने भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी. हालांकि बाद में उनके रिश्ते बीजेपी से अच्छे नहीं रहे और दूरियां बढ़ती चली गईं.
वहीं, ममता बनर्जी की पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर की टीम को हायर किया, जिसका फोकस 2021 विधानसभा चुनाव पर था. इस बीच टीएमसी के कई नेता PK के कामकाज से नाराज होकर पार्टी छोड़ गए और बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बावजूद PK का दावा यही रहा कि बीजेपी के सीटों की संख्या थ्री डिजीट में नहीं होगी.
टीके श्रीवास्तव