अगस्त 1965 में बिहार में महंगाई, भ्रष्टाचार और पुलिस दमन के खिलाफ़ एक बड़ा आंदोलन शुरू हुआ. डॉ. राम मनोहर लोहिया ने पटना में जनसभा को संबोधित किया और गैर-कांग्रेसी दलों से एकजुट होकर 1967 का चुनाव लड़ने का आग्रह किया. 1967 के चुनावों में कांग्रेस को 20 साल बाद सत्ता से बाहर होना पड़ा और बिहार में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनी.