हल्ला बोल कार्यक्रम में ₹10,000 की योजना पर तीखी बहस हुई. एक पक्ष ने इसे रोजगार के लिए अपर्याप्त बताया, कहा कि ₹10,000 में एक बकरी भी नहीं आती और इससे मासिक ₹250 का ही लाभ होगा. दूसरे पक्ष ने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक अच्छी पहल बताया, कहा कि महिलाएं इसी ₹10,000 से ₹10,00,000 बना सकती हैं. यह भी बताया गया कि ₹10,000 पहली किस्त है और छह महीने बाद ₹2,00,000 का ऋण दिया जाएगा. कार्यक्रम में बिहार से पुरुषों के पलायन और महिलाओं की बढ़ती मतदान भागीदारी पर भी चर्चा हुई. एआईएमआईएम को 'बी टीम' बताए जाने के आरोप भी लगे. राजनीतिक गलियारों में व्यक्तिगत हमलों और एआई वीडियो विवाद पर भी बात हुई, जिसमें पटना हाईकोर्ट द्वारा एक वीडियो हटाने का आदेश शामिल था. एक वक्ता ने कहा, "अगर उस ए आई जनरेटेड वीडियो में बच्चों एक भी कांग्रेस ने गाली दी हो तो कांग्रेस को वोट मत दे." महिला सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठे, जिसमें पटना में छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाओं का जिक्र हुआ. बिहार में पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण को 40% तक बढ़ाने की बात कही गई. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पुल गिरने और चूहों द्वारा बांध व शराब नष्ट करने के आरोप भी लगाए गए.