India Today Conclave: बिहार में खुद को CM फेस देखते हैं? चिराग पासवान ने दिया ये जवाब

अग्निवीर योजना पर चिराग ने कहा कि जब इसको लेकर आया गया था तब मेरे कुछ सवाल थे. लेकिन फिर मेरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से लंबी चर्चा हुई. मेरी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल इसको लेकर मिला था. उन्होंने इसकी तमाम पक्ष, तमाम पहलुओं को समझाने का काम किया था. स्कीम को आए काफी समय आ चुका है. ऐसे में मेरे पास इसको लेकर कोई शिकायत नहीं आई. आज की तारीख में अग्निवीर योजना के साथ असहमत होने का कोई कारण नहीं है.

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केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 25 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:09 PM IST

मुंबई में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का आगाज बुधवार से हो गया है. इसके पहले दिन एलजेपी (रामविलास) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री का हनुमान वाले बयान पर कहा कि ये मेरा प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रिश्ता है. इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. ये बस मेरे और प्रधानमंत्री के बीच है. जब मैं बिहार चुनाव में अकेले लड़ रहा था तो कुछ एनडीए के घटकों ने कहा था कि आप प्रधानमंत्री के फोटो का इस्तेमाल नहीं कर सकते. तब मैंने कहा था कि मेरा सीना चीरकर देख लो वो मेरे दिन में बसते हैं. तब ये हनुमान प्रकरण चर्चा में आया. 2024 के चुनाव परिणामों के बाद मेरी पार्टी कुछ लोगों के प्रति प्रतिबद्ध है. उनके लिए हमारी पार्टी की प्राथमिकता है. उनकी आवाज हमारी पार्टी उठाती है. 

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उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर समाज के उस हिस्से के साथ कोई अहित होता है तो उसकी आवाज बनने की भी जिम्मेदारी मेरी और मेरी पार्टी की भी है. ऐसा कतई नहीं है कि मैंने सरकार से अलग जाकर कोई स्टैंड लिया. कुछ फैसले थे, जैसे लेट्रल एंट्री और जातिगत जनगणना. मैं चाहता हूं कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए. क्योंकि आज की तारीख में कई ऐसी नीतियां हैं, जो राज्या या केंद्र सरकार उन जातियों के आधार पर योजनाएं बनाती हैं, उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए. ऐसे में उस जाति की क्या आबादी है, ये आंकड़े सरकार के पास होने चाहिए ताकि उसके अनुपात में राशि आवंटित की जा रही है. 

चिराग ने कहा कि ऐसे में इसके मायने ये निकाले जा रहे हैं कि मैं भाजपा से अलग हूं तो मेरे राज्य में बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व जातिगत जनगणना हो चुकी है. उस वक्त वहां की एनडीए ने इसका साथ दिया था. लैटरल एंट्री का मैंने मजबूत से विरोध किया. और मुझे खुशी इस बात की है जब मेरे प्रधानमंत्री जी को इसके पीछे के कारण समझाए और उनके संज्ञान में ये पूरा विषय आया तो तत्काल प्रभाव से उन्होंने इसको वापस लेने का काम. क्योंकि ये बैकवर्ड क्लास में इसको लेकर काफी नाराजगी थी. प्रधानमंत्री जी ने जिसका सम्मान किया. 

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अग्निवीर योजना पर कही ये बात

अग्निवीर योजना पर चिराग ने कहा कि जब इसको लेकर आया गया था तब मेरे कुछ सवाल थे. लेकिन फिर मेरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से लंबी चर्चा हुई. मेरी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल इसको लेकर मिला था. उन्होंने इसकी तमाम पक्ष, तमाम पहलुओं को समझाने का काम किया था. स्कीम को आए काफी समय आ चुका है. ऐसे में मेरे पास इसको लेकर कोई शिकायत नहीं आई. आज की तारीख में अग्निवीर योजना के साथ असहमत होने का कोई कारण नहीं है. 

आपकी पार्टी बिहार में ही क्यों सिमित रह गए हैं दलित पॉलिटिक्स को लेकर? इस पर चिराग ने कहा कि मेरे पिता अलग थे. उन्होंने बिहार में काफी फोकस करते हुए केंद्र की राजनीति में काम किया. वो दौर अलग था. उस वक्त की नीतियां, राजनीतियां अलग थीं. आज की तारीख का अगर आप जिक्र करें तो मैं अपने आप को सिमित करके नहीं रखना चाहता. मैं अपनी पार्टी के विस्तार की सोच रखता हूं. आने वाले टाइम में झारखंड में चुनाव है. मेरी पार्टी के लोग वहां लगे हैं. उदाहरण दूंगा, नागालैंड. वहां मेरी पार्टी मजबूत रही. वहां पार्टी ने चुनाव लड़ा. वहां दो विधायक हैं हमारे. एनडीए का समर्थन करते हैं. वहां पार्षद हैं हमारे. आने वाले दिनों में पंजाब हो झारखंड हो, ये कई राज्य हैं जहां अपनी पार्टी के विस्तार को ध्यान में रखता हूं.

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दलित मेरी प्राथमिकता: चिराग

उन्होंने कहा कि दो-तीन साल पहले का देखें तो सभी चीजें मुझसे ले ली गई थी. मुझे मेरी पार्टी से बाहर निकालकर फेंक दिया गया था. मेरे पास कुछ नहीं बचा था. वहां से मुझे शुरुआत करनी पड़ी. वहां से मुझे नई शुरुआत करनी पड़ी नई पार्टी और नए सिंबल के साथ. मुझे खुशी है इस बात की कि देश में लोकसभा चुनाव में हमारा 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट रहा. 5 सीटें मिलीं, पांचों को जीता. दलित मेरी प्राथमिकता हमेशा रहेंगे क्योंकि मैं उन्हीं में से हूं. आज 21वीं सदी में पहुंचने के बावजूद गांवों में जाति के आधार पर भेदभाव होता है. तो मेरी प्राथमिकता ये लोग हैं. देश में जाति के आधार पर उनके साथ कहीं भी भेदभाव हो रहा है तो मैं और मेरी पार्टी उनके लिए हमेशा खड़ी रहेगी. लेकिन देश के युवाओं और महिलाओं के मुद्दे भी मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं. मेरे लिए जाति से उठकर जमात की बात भी है. उनकी सोच को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास मैं कर रहा हूं.

'मैंने अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखाई'

लोकसभा में गठबंधन में 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट रहा. लेकिन 2020 के बिहार चुनाव में सिर्फ एक सीट मिली. तो क्या आपको बैसाखी की जरूरत है? इस पर चिराग ने कहा कि जब आप गठबंधन में होते हैं इसलिए होते हैं ताकि हर किसी का साथ आपको मिलकर आपको ताकतवर बनाता है. बिहार जैसे राज्य में आप इतिहास उठाकर देख लीजिए चिराग पासवान के अलावा किस पार्टी में इतनी हिम्मत थी कि वो अकेले चुनाव लड़कर दिखाए. हम से हम मैंने अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखाई. और न सिर्फ न मैंने चुनाव लड़ा, एक सीट जीती और 20 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे. हमने वोट काटे नहीं. वोट कंसोलिडेट किए. मैंने 6 प्रतिशत वोट कंसोलिडेट किए वो भी तब जब मैंने बीजेपी के सामने चुनाव नहीं लड़ा था. अगर वहां लड़ता तो 12 से 13 वोट प्रतिशत कंसोलिडेट करता. 

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खुद को सीएम फेस देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि ये सवाल ही नहीं है अभी. इसके कोई मायने नहीं है. मैंने तमाम घटक दलों ने एनडीए में स्पष्ट रूप से कह दिया है कि मौजूदा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही अगला चुनाव लड़ा जाएगा. मुझे नहीं पता कौन बोल रहा है अगला चुनाव तेजस्वी बनाम चिराग पासवान है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव होगा. इसमें कोई शक नहीं है. मैं बिल्कुल मानता हूं वो गठबंधन का हिस्सा होंगे. वो मजबूत अंग हैं हमारे गठबंधन का. उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए. लेकिन उनके सभी फैसले उनके हित में सही साबित हुए.

विपक्ष के नीतीश की सेहत को लेकर सवाल उठाए जाने पर चिराग ने कहा कि जब जब चुनाव आते हैं तब तब व्यक्तिगत टिप्पणी, शारीरिक टिप्पणी करते हैं. पिछले चुनाव में आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान खत्म हो जाएगा. तमाम नैरेटिव सेट करके लोगों को गुमराह करने का काम किया. मेरे मुख्यमंत्री को लेकर भी अफवाए फैलाई जा रही हैं उनके स्वास्थ्य को लेकर..

कंगना को लेकर भी कही ये बात

कंगना के साथ फोटो वायरल होने पर चिराग ने बात करना बंद कर दिया. कंगना के इस बयान पर उन्होंने कहा उन्होंने बातों-बातों में ये बात बोल दी. मेरी मित्र हैं. हम दोनों ने एक साथ काम किया है. और मैं संसद में उनसे मिला क्योंकि 10 साल से हम जानते थे. आज हम दोनों सांसद हैं. एक ही गठबंधन में हैं हम दोनों. पुरानी पहचान है. इसलिए पुराना रिश्ता है लेकिन हां उन फोटो-वीडियो को इस तरह वायरल किया गया तो थोड़ा अजीब होता है.

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उन्होंने किसानों पर कंगना के बयान पर कहा कि हर कोई जो कंगना को जानता है, वो जानता है कि उन्हें एडवाइस की कतई जरूरत नहीं है. उनकी बातें ऐसी हैं, जिस पर आप डिबेट कर सकते हैं. लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि वो अपनी बात को प्रमुखता से रखती हैं. वो शर्माती नहीं हैं और न भागती हैं अपनी बात रखने से. 

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