एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट ने रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 20 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें डिंडोशी से संजय निरुपम भी शामिल हैं. इस सूची में एक सीट ऐसी भी है जिसे लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच कभी लंबी रस्साकशी चली थी. पालघर की यह सीट फाइनली शिवसेना के खाते में गई है.
पालघर सीट से शिवसेना ने पूर्व सांसद राजेंद्र गावित को टिकट दिया है. पार्टी ने वाशिम जिले के रिसोड से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और पूर्व सांसद भावना गवली को भी चुना है, और एक अन्य एमएलसी, अमश्या पडवी को धुले जिले के अक्कलकुवा से चुनाव लड़ेंगी.
जब शिवसेना और बीजेपी आ गए थे आमने-सामने
इस सूची में सबसे ज्यादा चर्चा पालघर सीट को लेकर है. पालघर सीट को लेकर अतीत में शिवसेना और बीजेपी के बीच काफी रस्साकशी चली थी. 2018 पालघर लोकसभा (एसटी) का उपचुनाव शिवसेना और भाजपा के बीच दरार का प्रमुख कारण था. शिवसेना ने दिवंगत भाजपा सांसद चिंतामणि वांगा के बेटे श्रीनिवास के लिए टिकट मांगा था जबकि बीजेपी कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गावित को उम्मीदवार बनाना चाहती थी.
यह भी पढ़ें: उद्धव की शिवसेना ने जारी की दूसरी लिस्ट, कांग्रेस के दावे वाली सीट पर भी खड़ा किया कैंडिडेट
शिवसेना ने दिवंगत भाजपा सांसद चिंतामणि वांगा के बेटे श्रीनिवास वांगा को मैदान में उतारा तो भाजपा ने पूर्व कांग्रेस मंत्री राजेंद्र गावित को पार्टी में शामिल किया और उन्हें टिकट दिया. गावित चुनाव जीत गए.
2019 में हुई थी सुलह
2019 शिवसेना भाजपा ने सुलह कर ली, शिवसेना की एक शर्त यह थी कि पालघर सीट श्रीनिवास वांगा को मिले. भाजपा ने सीट शिवसेना को दे दी और साथ ही शिवसेना को राजेंद्र गावित को उम्मीदवार बनाने के लिए मना लिया क्योंकि उनके जीतने की संभावना अधिक थी. 2019 में शिवसेना ने राजेंद्र गावित को लोकसभा उम्मीदवार बनाया. गावित जीते, श्रीनिवास वांगा को पालघर विधानसभा (एसटी आरक्षित) से विधानसभा टिकट दिया गया. गावित और वांगा दोनों जीत गए.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र चुनाव: जिसे एकनाथ शिंदे मानते हैं राजनीतिक गुरु, उनके भतीजे को उद्धव ठाकरे ने दिया टिकट
2022 में गावित और वांगा दोनों एकनाथ शिंदे के खेमे में चले गए. 2024 के लोकसभा से ठीक पहले राजेंद्र गावित भाजपा में चले गए. भाजपा ने शिंदे की शिवसेना से पालघर सीट वापस ले ली, लेकिन गावित को टिकट नहीं मिला. दो दिन पहले ही राजेंद्र गावित शिंदे की शिवसेना में वापस शामिल हुए और उन्हें विधानसभा टिकट मिला है. वहीं शिंदे ने श्रीनिवास वांगा का टिकट काट दिया.
साहिल जोशी