बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनः निरीक्षण अभियान के तहत जिन मतदाताओं ने 25 जुलाई तक गणना प्रपत्र तो भर दिया है, लेकिन दस्तावेज जमा नहीं किया है, उनके सामने अब नाम कटने का खतरा मंडरा रहा है. चुनाव आयोग ने इन्हें 1 अगस्त से 1 सितंबर तक का समय दिया है ताकि वो मान्य दस्तावेज जमा कर सकें.
अररिया जिले के फारबिसगंज विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 140 पर कुल 1470 मतदाता हैं. इनमें से करीब 1 हजार मतदाताओं ने सिर्फ फॉर्म जमा किया है लेकिन दस्तावेज नहीं दिए हैं. BLO के अनुसार, इन दस्तावेजों को समय पर अपलोड करना बड़ी चुनौती बन चुका है.
जिला- अररिया
बूथ संख्या 140
केंद्र का नाम- जीरा देवी शीतल शाह महाविद्यालय फारबिसगंज
विधानसभा- फारबिसगंज
बेगूसराय के बूथ संख्या 299 पर 1295 मतदाता हैं. इनमें 1185 मतदाताओं ने फॉर्म भरा है. इनमें से 200 ने 2003 की वोटर लिस्ट की प्रति लगाई है, जबकि 500 ने शैक्षणिक या आवासीय प्रमाण पत्र लगाए. 485 ने आधार कार्ड जमा किया है जिन्हें फिर से मान्य दस्तावेज जमा करने होंगे.
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जिला- बेगूसराय
बूथ संख्या 299
केंद्र का नाम - मध्य विद्यालय पोखरिया
विधानसभा- बेगूसराय
कटिहार के बूथ संख्या 173 पर 997 वोटरों में से 817 ने फॉर्म भरा है. 246 ऐसे हैं जिन्होंने कोई दस्तावेज नहीं दिया. इन्हें भी अब दस्तावेज देना जरूरी है. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में ऐसे लाखों मतदाता हैं जिन्होंने फॉर्म तो भरा है लेकिन दस्तावेज नहीं दिए हैं. ऐसे में अगले एक महीने में भारी भागदौड़ और स्पष्टता की जरूरत होगी.
जिला - कटिहार
बूथ संख्या - 173
विधानसभा - कटिहार
इस पोलिंग बूथ पर वोटरों की संख्या 997 है.
997 में से 817 मतदाताओं ने फॉर्म भरा है.
368 ऐसे मतदाता है जिनका नाम 2003 के वोटर लिस्ट में था तो उन्होंने केवल फॉर्म जमा किया है और साथ में 2003 वोटर लिस्ट की प्रति लगाई है. 246 ऐसे मतदाता है जिन्होंने केवल फॉर्म भरा है लेकिन कोई भी दस्तावेज नहीं दिया है.
बाकी मतदाताओं ने फार्म भी भरा है और 11 दस्त भेजो में से कोई एक दस्तावेज जमा करवाया है. अब जो 246 से मतदाता है जिन्होंने केवल फॉर्म भरा है और कोई भी दस्तावेज जमा नहीं किया है उन्हें भी अगले 1 महीने में जरूरी दस्तावेज चुनाव आयोग में जमा करना है नहीं तो उनका नाम वोटर लिस्ट से कट सकता है.
आज तक के ग्राउंड रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि बिहार में ऐसे लाखों मतदाता है जिन्होंने केवल फॉर्म भरा है और कोई भी दस्तावेज जमा नहीं किया है. अब ऐसे में देखना है कि सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले पर क्या रुख रुख इख्तियार करता है और क्या आधार और वोटर आई कार्ड को मान्य करार देने का चुनाव आयोग को निर्देश जारी करता है?
एक बार तो स्पष्ट है कि आने वाले एक महीने में जिन मतदाताओं ने जमा नहीं कराया है उन्हें दस्तावेज इकट्ठा करने और फिर जमा करने में जबरदस्त मशक्कत करनी पड़ेगी.
रोहित कुमार सिंह