टीचर्स डे पर स्कूलों-कॉलेजों या अन्य संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. ये वो दिन होता है जब हमें अपने टीचर्स का आभार जताने का मौका मिलता है. वो टीचर जो हमें हमेशा सिखाता/सिखाती हैं. उन्हें आज ही के दिन बताना होता है कि अगर वो हमारा साथ नहीं देंगे. सही राह नहीं दिखाते तो हम आज वहां नहीं पहुंच पाते जहां हैं. ऐसे में जरूरी है शब्दों का सही चयन, जिनसे आप अपने टीचर को आभार जता सकते हैं.
ऐसे दें स्पीच
Respected प्रिंसिपल, Teachers और मेरे सभी स्कूल के साथियों,
आज टीचर डे पर मुझे ये कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं जो आप जैसे गुरुओं का सानिध्य मिला है. आज टीचर्स डे एक महान शिक्षक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है. सबसे पहले आप सभी टीचर्स को इस खास दिन की बधाई.
अब बात करते हैं उस प्रश्न की जो बोलने में सिर्फ दो या तीन अक्षर है लेकिन समझो तो पूरे ब्रह्माण की शक्ति इसमें समाई है. वो है गुरु या टीचर, वो जो हमें कच्ची मिट्टी से एक आकृति एक व्यक्तित्व में ढाल देता है. सिर्फ हमें कोर्स की किताबें पढ़ाने या रूटीन के
हिसाब से कोर्स खत्म करने का काम ही टीचर्स का नहीं है. उनके जिम्मे अपने हर स्टूडेंट को समझना और उसके हिसाब से ही उसे ज्ञान देकर एक नये स्वरूप में ढालना. टीचर भावनात्मक रूप से अपने हर स्टूडेंट से जुड़ा होता है.
शिक्षक इस समाज की रीढ़ की हड्डी होते हैं. किसी ने सही कहा है कि शिक्षक अभिभावकों से भी महान होता है. अभिभावक बच्चे को जन्म देते हैं लेकिन टीचर उसे एक जीव से इंसान बनाता है. उसके चरित्र को आकार देकर उज्ज्वल भविष्य बनाता है. इसीलिए चाहे हम कितने भी बड़े और सफल हो जाए हमें अपने शिक्षकों को नहीं भूलना चाहिए. शिक्षक प्रेरणास्रोत होते हैं जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. वे हमें जीवन में आने वाली हर एक बाधा का सामना करने के लिए तैयार करते हैं. शिक्षक हमें दुनियाभर के महान शख्सियतों का उदाहरण देकर शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करते हैं. मैं अपने इन्हीं शब्दों के साथ अपने सभी टीचर्स को धन्यवाद देना चाहता/चाहती हूं कि उन्होंने मुझे इस काबिल बनाया कि मैं आज मंच से ये बात कह पा रही हूं.
शुक्रिया, दिया ज्ञान का भंडार मुझे, किया भविष्य के लिए तैयार मुझे, जो किया आपने, उस उपकार के लिए, नहीं शब्द मेरे पास आभार के लिए....
थैंक्स अगेन, हैप्पी टीचर्स डे
Teachers day essay
आज का दिन बेहद खास है. इसी दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है. एक शिक्षक के तौर जिनका योगदान हम कभी नहीं भुला सकेंगे.
उनके राष्ट्रपति बनने पर जब उनके शिष्यों ने कहा कि हम आपका जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि अगर मनाना ही है तो इसे टीचर्स डे के नाम से मनाओ. इस दिन सभी स्टूडेंट्स अपने गुरुओं को अपना सम्मान और विचार समर्पित कर सकेंगे. मैं एक टीचर हूं तो मुझे इसमें बहुत खुशी मिलेगी कि इस खास दिन टीचर्स का आदर-सम्मान हो. बस तभी से ये दिन मनाया जाने लगा.
मानसी मिश्रा