दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से अंडर ग्रेजुएट्स कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम आवश्यक करने की घोषणा करने के एक बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इससे इंकार कर दिया है. जावड़ेकर ने कहा कि एडमिशन 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर ही किया जाएगा. अगर एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन होता तो कम अंक हासिल करने वाले स्टूडेंट्स भी विश्वविद्यालय में एडमिशन ले सकते थे, लेकिन अब पुराने पैटर्न से ही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
साथ ही यह भी खबरें आ रही थीं कि एंट्रेंस एग्जाम करवाने के फैसले का डीयू टीचर्स एसोसिएशन की ओर भी विरोध किया गया था. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीब राय ने कहा कि डीयू एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी है और इसकी प्रक्रिया का पालन होना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि ना ही वाइस चांसलर और ना ही एचआरडी एंट्रेंस एग्जाम को लेकर फैसले ले सकते हैं.
ये हैं DU के फेमस चायवाले, 20 साल से ज्यादा पुराने स्टूडेंट्स आज भी आते हैं मिलने
पहले बताया जा रहा था कि विश्वविद्यालय अंडर ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट की व्यवस्था कर सकता है, जिसके बाद एंट्रेंस टेस्ट में पास होकर ही उम्मीदवार दाखिला ले पाएंगे. हालांकि अभी एंट्रेंस एग्जाम को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है और माना जा रहा था कि 2019 एडमिशन सेशन में एंट्रेस टेस्ट की शुरुआत की जा सकती है.
जानें- DU में एडमिशन के लिए किसे मिलता है आरक्षण और कितना?
साथ ही कहा जा रहा है कि इस परीक्षा की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को दी जा सकती है. इससे पहले जेएनयू के एंट्रेंस एग्जाम की जिम्मेदारी भी एनटीए को ही दी गई है.
मोहित पारीक