वर्कप्लेस पर कोरोना केस आया तो क्या होगा? जानें ICMR का नया प्रोटोकॉल

लोकसभा सचिवालय, आयुष मंत्रालय से लेकर कई वीआईपी दफ्तरों में कोरोना पॉजिट‍िव मामले सामने आए हैं. इन सब मामलों के बाद आईसीएमआर ने दफ्तर में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर नया प्रोटोकॉल अपनाने की सलाह दी है, पढ़ें- क्या है ये प्रोटोकॉल

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भारत में भी कोरोना का कहर (Image: AP) भारत में भी कोरोना का कहर (Image: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST

देशभर में कोरोना का कहर अभी कम नहीं हो पाया है. सरकारों ने कोविड-19 संक्रमण पर रोक लगाने के लिए तमाम व्यवस्थाएं लागू की हैं. ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. लेकिन कई दफ्तर ऐसे हैं जहां काम करना अनिवार्य है. ऐसे में कई VIP क्षेत्रों और कार्यालयों में भी कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं.

इन मामलों के आने के बाद, ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रीसर्च) ने अपने वर्किंग प्लेस प्रोटोकॉल को संशोधित करके एक नया प्रोटोकॉल तैयार किया है.

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बता दें कि पिछले तीन दिनों में आयुष्मान भारत कार्यालय, नागरिक उड्डयन कार्यालय, लोक सभा सचिवालय और कुछ अन्य वीआईपी क्षेत्रों से कोरोना पॉजिट‍िव मामले आने के बाद आईसीएमआर ने नए प्रोटोकॉल जारी किए हैं.

अब ICMR द्वारा बनाए गए नए SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुसार दफ्तर में लिफ्टों का उपयोग 2, 3 और 4वीं मंजिलों के लिए किया जाएगा. अब इसमें सिर्फ एक व्यक्त‍ि जा सकेगा, जबक‍ि पहले के प्रोटोकॉल के अनुसार लिफ्ट में दो लोग जा सकते थे.

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वहीं अगर दफ्तर में दो सीढ़ियां हैं, तो भीड़ से बचने के लिए ऊपर और नीचे आने जाने के लिए इसका इस्तेमाल करना होगा. आईसीएमआर ने कहा है‍ कि कर्मचारि‍यों को निजी परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. वहीं जो लोग नोटिफाइड कंटेनमेंट जोन यानी उनके इलाके को रेड या ऑरेंज में रखा गया है तो उन्हें उससे संबंधित राज्यों के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. ऐसा करना बहुत जरूरी होगी. उन्हें कार्यालय तभी आना है जब उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जाए.

इसके अलावा जो लोग पांच साल तक के बच्चे के माता पिता हैं, या जिनके घरों में 60 वर्ष से अध‍िक आयु वाले लोग हैं. या जो लोग पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं, या गर्भवती हैं, ऐसी सभी शर्तों को पूरा करने वालों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देनी होगी.

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