जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने भारत ही नहीं देश के बाहर के स्टूडेंट्स को बुलाने में इंटरेस्ट दिखाया है. इसे लेकर विश्वविद्यालय ने तमाम तरह की तैयारियां की हैं. जानें क्या है पूरी पहल और इसकी खास वजह.
इस सिलसिले में जामिया के डायरेक्टर इंटरनेशनल रिलेशंस ऑफिस ने हाल की जामिया की सारी कामयाबियों, इतिहास और विदेशी छात्रों के लिए इसमे मुहैया सुविधाओं को एक जगह एकत्र किया. उन्होंने इसके साथ ही यूनिवर्सिटी से जुड़ी अन्य जरूरी बातों के बारे में एक ब्रोशर की हार्ड और सॉफ्ट कॉपी विदेशों में भारत के विभिन्न डिप्लोमेटिक मिशन को भेजीं हैं. इस ब्रोशर को जामिया की वेबसाइट www.jmi.ac.in से अपलोड किया जा सकता है.
कुलपति ने इस ब्रोशर को तैयार करने के लिए कैंपस के प्रो शफीक अहमद अंसारी, प्रो मुकेश रंजन, प्रो बारां फारूकी और डा लुब्ना सिद्दीकी की एक कमेटी बनाई थी. विदेशी छात्र सलाहकार डॉ लुब्ना सिद्दीकी के परामर्श पर जामिया के शैक्षिक सत्र 2019-2020 में दाखिले के लिए विदेशी छात्रों के फार्म भरने की तारीख भी कुलपति ने बढ़ाकर एक जुलाई कर दी है.
जामिया में हैं 39 देशों के स्टूडेंट
इस वक़्त जामिया में 39 मुल्कों के 279 छात्र विभिन्न कोर्स में पढ़ाई कर रहे हैं. भारत सरकार की विभिन्न स्कॉलरशिप स्कीम के तहत इंडियन काउंसिल फार कल्चरल रिलेशंस (आईसीसीआर) को 240 आवेदन मिले हैं. इसमें से 65 पर प्रोविजनल दाखिले के लिए विचार किया जा रहा है. इनसे फीस, भारतीय छात्रों जितनी ही ली जाएगी.
1200 से 4800 अमेरिकी डॉलर फीस
इसके अलावा विभिन्न अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए सुपरन्युमरेरी श्रेणी में एनआरआई वार्ड्स के दाखिले के आवेदन मिले हैं. इस श्रेणी में दाखिला लेने वालों से 1200 से लेकर 4800 अमेरिकी डालर प्रति वर्ष फीस ली जाती है. सुपरन्युमरेरी श्रेणी में जामिया स्कूल की विभिन्न कक्षाओं के दाखिले के लिए 109 आवेदन मिले हैं. स्कूल के लिए इस श्रेणी में विदेशी छात्रों से 600 से 1000 अमेरिकी डॉलर वार्षिक फीस ली जाती है.
मानसी मिश्रा