कौन हैं IPS देसवाल, एक साथ संभाली सबसे ज्यादा अर्द्धसैनिक बलों की कमान

सरकार के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में शुमार 1984 बैच के आईपीएस अफसर एसएस देसवाल को अब बीएसएफ के डीजी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. जानें- क्या है उनकी खासियत.

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1984 बैच के आईपीएस अफसर एसएस देसवाल 1984 बैच के आईपीएस अफसर एसएस देसवाल

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

  • आईटीबीपी के डीजी के रहते हुए चार अर्धसैनिक बलों के डीजी का भी कार्यभार
  • बीएसएफ डीजी का पद खाली था जिसकी जिम्मेदारी एसएस देसवाल को मिली
  • देसवाल के पास लगभग सभी केंद्रीय बलों के प्रमुख का कार्यभार देखने का अनुभव

हरियाणा कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी सुरजीत सिंह देसवाल इस समय केंद्र सरकार के सबसे भरोसेमंद अधिकारी बन चुके हैं. केंद्र सरकार देसवाल को आईटीबीपी के डीजी के पद पर रहते हुए चार अर्धसैनिक बलों के डीजी का भी कार्यभार बीच-बीच में दे चुकी है.

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जी हां, एसएस देसवाल को एसएसबी का डीजी बनाने के साथ-साथ आइटीबीपी एनएसजी, सीआरपीएफ और अब बीएसएफ के डीजी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. हाल ही में बीएसएफ के डीजी अपने पैतृक कैडर मध्यप्रदेश में डीजीपी बन गए हैं जिसके बाद बीएसएफ डीजी का पद खाली था जिसकी जिम्मेदारी एसएस देसवाल को दी गई है.

सुरजीत सिंह देसवाल ने सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक का कार्यभार संभाल लिया है. हरियाणा काडर के 84 बैच के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी देसवाल वर्तमान में इंडो-तिब्बत बार्डर पुलिस में महानिदेशक पद पर तैनात हैं. निवर्तमान महानिदेशक विवेक जौहरी को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से वापसी के बाद मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक के पद पर पदस्थ किया गया है.

डी जी आईटीबीपी बने एसएस देसवाल के पास लगभग सभी केंद्रीय बलों के प्रमुख का कार्यभार देखने का अनूठा अनुभव है. देसवाल की शैक्षणि‍क योग्यता की बात करें तो उन्होंने स्नातक (बीएससी) की शिक्षा पानीपत से और एलएलबी की पढ़ाई कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पूरी की.

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इसके बाद आईपीएस में चयन के बाद देसवाल ने हरियाणा के विभिन्न महत्वपूर्ण जनपद जैसे करनाल, रोहतक, कैथल, भिवानी एवं फतेहाबाद में पुलिस अधीक्षक के तौर पर रहे. इसके अलावा मधुबन जनपद में हरियाणा आर्म्ड पुलिस में सेनानी के रूप में सेवाएं दी हैं. आपने साल 1994 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में ज्वाइन किया.

फिर आल इंडिया एन्टी करप्शन यूनिट में वर्ष 1998 तक पुलिस अधीक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान कीं. कालान्तर में आप उप महानिरीक्षक और महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत हुए. फिर महानिरीक्षक के तौर पर आपने अंबाला और रोहतक जैसी महत्वपूर्ण रेंज के दायित्वों का सफलतापूर्वक निवर्हन किया. आपने साल 2009 से 2011 तक गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कीं.

आपने हरियाणा राज्य अपराध शाखा एवं हरियाणा आर्म्ड पुलिस के महानिदेशक के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं.

आपको राष्ट्र की निस्वार्थ व ईमानदारी से सेवा करने के फलस्वरूप वर्ष 2001 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक एवं वर्ष 2012 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया.

आईपीएस देसवाल ने सशस्त्र सीमा बल (एस. एस. बी.) में अपर महानिदेशक के पद पर दिसंबर, 2015 से अक्टूबर, 2017 तक अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. लगभग एक वर्ष सुरक्षा बल (बीएसएफ) में अपर महानिदेशक और स्पेशल डी.जी. (ऑपरेशन) के पद पर भी कार्यरत रहे. फिर 30 सितंबर, 2018 को सशस्त्र सीमा बल (एस.एस.बी.) में महानिदेशक के पद पर नियुक्त हुए और अक्टूबर, 2018 में आपने आईटीबीपी के बल प्रमुख का कार्यभार संभाला.

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पिछले लगभग डेढ़ साल से आईपीएस देसवाल ने जवानों की फिजिकल फिटनेस को और बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों और जवानों के लिए विषेश प्रषिक्षण कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने हिमालय के राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने का संदेश दिया है और साथ ही मुश्किल हिमालयी परिस्थितियों में कई बार स्वयं पैदल जाकर जवानों का मनोबल बढ़ाया है.

अर्द्ध सैनिक बल के ऑपरेशनल, प्रशासनिक, प्रोविजनिंग, ट्रेनिंग, खेलकूद, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार आदि समस्त पहलुओं को ध्यान में रखकर उनके विकास में देसवाल की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है. पिछले लगभग डेढ़ साल में IPS देसवाल को एसएसबी, एनएसजी, सीआरपीएफ और बीएसएफ के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार मिला है जो किसी भी आईपीएस अधिकारी के लिए दुर्लभ है. ये दर्शाता है कि सरकार देसवाल की पुलिस, प्रशासनिक और दूरदर्शी अनुभवों के कारण उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देती है.

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