दिल्ली: सरकारी स्कूल के टीचर की मौत, फिर बंद करने पड़े समर कैंप

दिल्ली सरकार ने प्रचंड गर्मी का हवाला देते हुए सरकारी स्कूलों में तीन जून से समर स्पोर्टस और योगा कैंप बंद करा दिए हैं. सरकार ने इसके पीछे आउटडोर गेम खेलने वाले बच्चों की सेहत पर चिंता जताई है, वहीं गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन GSTA ने इसे टीचर की मौत के बाद लिया गया फैसला बताया है. यह है पूरा मामला, पढ़ें.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

मानसी मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2019,
  • अपडेटेड 11:18 PM IST

दिल्ली सरकार ने प्रचंड गर्मी का हवाला देते हुए सरकारी स्कूलों में तीन जून से समर स्पोर्टस और योगा कैंप बंद करा दिए हैं. सरकार ने इसके पीछे आउटडोर खेलने वाले बच्चों की सेहत पर चिंता जताई है, वहीं गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन GSTA ने इसे टीचर की मौत के बाद लिया गया फैसला बताया है. यह है पूरा मामला, पढ़ें.

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तीन जून सोमवार को आए सरकार के सर्कुलर में कहा गया है कि ज्यादातर कैंप आउटडोर में हो रहे हैं. इतनी भीषण गर्मी में संभव नहीं है कि ऐसे कैंप कराए जाएं.

वहीं शिक्षक और अभिभावक संगठन इसे सरकार का बहुत देरी से लिया गया फैसला करार दे रहे हैं. दोनों संगठनों का कहना है कि रविवार को होने वाली टीजीटी संस्कृत शिक्षक उदय चंद्र झा की मौत के बाद सरकार ने यह फैसला लिया जो कि बहुत पहले लिया जाना चाहिए था.

GSTA के महासचिव अजयवीर यादव ने बताया कि अम्बेडकर नगर सेक्टर 4 में कार्यरत शिक्षक उदय चंद्र झा टीजीटी संस्कृत भीषण गर्मी में स्कूल से बस द्वारा अपने घर पहुंचे. घर पहुंचते ही उन्होंने तबियत खराब होने की शिकायत की. वो खराब हालत के कारण खाना भी नहीं खा पाए. तबियत बिगड़ते देख परिजन उन्हें ऑटो से अस्पताल लेकर जा रहे थे, तभी उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. अजयवीर यादव ने बताया कि शिक्षामंत्री व विभाग के आला अधिकारियों से पिछले 10 दिन से लगातार गर्मी से छात्रों व शिक्षकों की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थ‍िति की शिकायत की जा रही थी. विभाग को यह भी बताया जा रहा था कि इतने कम बच्चे आते हैं, ऐसे में कैंप का कोई फायदा नहीं है.

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देर शाम वापस लिया समर कैंप न लगाने का सर्कुलर

शिक्षा निदेशालय ने आउटडोर हो रहे स्पोटर्स और योग कैंप को अग्रिम आदेश तक टाल दिया था. तीन जून की देर शाम उपरोक्त सर्कुलर के बारे में सभी हेड ऑफ स्कूल को भेजे गए संदेश में कहा गया कि निदेशालय ने फिलहाल यह निलंबन अपनी वेबसाइट से विद ड्रा कर दिया है. निदेशालय ने सभी पीईटी और योगा शिक्षकों को स्कूल आने और आउटडोर की बजाय इनडोर एक्टीविटी कराने को कहा है.

छुट्टी न मिलने से तनाव में टीचर

अजयवीर ने बताया कि शिक्षक उदय चंद्र बिहार के रहने वाले थे. गर्मी की छुट्टी न मिलने से वो काफी तनाव में थे. पूरे देश में सिर्फ दिल्ली में भीषण गर्मी में कक्षाएं लग रही हैं.  कंकरीट पर बसी दिल्ली में अन्य राज्यों से ज्यादा गर्मी होती है फिर भी सरकार ने शिक्षकों की गर्मी की छुट्टी पर रोक लगा रखी है. उन्होंने आरोप लगाया कि गर्मी व तनाव में शिक्षक की मौत हो गई है. यदि यह रोक न होती तो वे अपने घर बिहार जाते.

सरकार से करेंगे एक करोड़ रुपये सहायता की मांग

अजय वीर ने कहा कि संगठन पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. यदि उनकी मौत का कारण गर्मी लगना पाया गया तो सरकार से उदयचंद्र के परिवार की सहायता के लिए एक करोड़ रूपये और परिवार के आश्रितों को नौकरी देने की मांग की जाएगी. क्योंकि उनके परिवार में बेटी और दोनों बेटे अभी पढ़ रहे हैं.

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एनसीपीसीआर को लिखा पत्र

तीन जून की सुबह दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन ने NCPCR (National Commission for Protection of Child Rights) को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के स्कूलों में चल रहे कैंप के बारे में शिकायत की थी. एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता ने लिखा था कि स्कूलों में बच्चों के साथ अत्याचार हो रहा है. सरकार द्वारा स्कूलों में गर्मियों की छुट्ट‍ियां इसलिए तय की गई हैं क्योंकि अधिक तापमान से बच्चे बीमार हो सकते हैं. सरकार खुद ही सर्कुलर जारी कराके बच्चों को बुनियाद और समर कैंप जैसे आयोजन करती है. हकीकत में बच्चों पर इनका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. इससे बच्चों के साथ-साथ शिक्षक भी मानसिक तनाव झेल रहे हैं. इनमें बच्चों की उपस्थिति 20 फीसद तक है जो यह बताता है कि ये कैंप फेल हैं. जब बच्चों के शिक्षण के 220 दिन निश्चित कर रख हैं तो बच्चों को उसी में क्यों नहीं पढ़ाया जाता है.

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