विश्वविद्यालयों का हाल: सरकार ने EWS को दिया 10% आरक्षण, मिल रहा सिर्फ 5 फीसदी

केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के EWS (निम्न आय वर्ग) के लिए सरकार की ओर से इसी साल 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है. लेकिन रिजर्वेशन के फार्मूले के अनुसार उन्हें सिर्फ 5 फीसदी लोगों को ही इसका लाभ मिल पा रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य व दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम के चेयरमैन प्रो. हंसराज सुमन का दावा है कि इस आरक्षण का फायदा SC और OBC कोटे को मिल रहा है. जानें कैसे.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

मानसी मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2019,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के EWS (निम्न आय वर्ग) के लिए सरकार की ओर से इसी साल 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है. लेकिन रिजर्वेशन के फार्मूले के अनुसार सिर्फ 5 फीसदी लोगों को ही इसका फायदा  मिल पा रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य व दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम के चेयरमैन प्रो. हंसराज सुमन का दावा है कि इस आरक्षण का फायदा SC और OBC कोटे को मिल रहा है. जानें कैसे.

Advertisement

ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आने वाले जनरल कैटेगरी के लोग यह सोचकर खुश हैं कि उन्हें सरकार की ओर से 10 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है. लेकिन हकीकत इससे एकदम अलग है. उन्हें शिक्षण संस्थानों में 100 सीटों में से सिर्फ 5 ही मिल पा रही हैं. बाकी बची 5 सीटों पर एससी, ओबीसी कोटे को फायदा मिल रहा है. दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम के चेयरमैन प्रो. हंसराज सुमन ने आजतक को बताया कि आरक्षण के फार्मूले के आधार पर इस नई आरक्षण व्यवस्था के अनुसार ईडब्ल्यूएस को अब 5 फीसद सीटें ही मिल पाएंगी. 

प्रो सुमन ने उदाहरण देते हुए बताया कि माना पहले 100 सीटों पर सबको आरक्षण दिया जाता था. तब एससी को 15 सीटें , एसटी को 7:5 यानी 8 सीटें, ओबीसी को 27 सीटें और बाकी 50 के लिए सामान्य वर्ग की दावेदारी होती थी. अब वर्तमान में ईडब्ल्यूएस आरक्षण आने के बाद माना 100 के स्थान पर 110 सीटें हो गई. ऐसे में अब 110 में से आरक्षण दिया जाएगा जो इस प्रकार होगा. इसमें एससी को 17 सीटें, एसटी को 8 सीटें, ओबीसी को 30 सामान्य के लिए 50 सीटें और ईडब्ल्यूएस के लिए 5 सीटें आरक्षित होंगी. इस तरह से जनरल को 5 ही सीट मिली और 2 सीटें एससी और 3 ओबीसी कोटे के खाते में बढ़ गईं. कुल मिलाकर कहा जाए तो ईडब्ल्यूएस का सबसे ज्यादा लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को हुआ. इस बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस साल 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है जो आने वाले साल में बढ़ाकर 15 फीसद किया जाएगा.

Advertisement

10 फीसदी आर्थिक आरक्षण को जानें

10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था 2019-2020 शिक्षण सत्र से सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में लागू की गई थी. इसके तहत संस्थानों में 25 फीसदी तक सीटें बढ़नीं थीं. ये EWS आरक्षण उन्हें दिया जा रहा है जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होगी. इसके अलावा आरक्षण के हकदार वे ही रहेंगे जिनके पास 5 हेक्टेयर से कम जमीन होगी.

आरक्षण के दायरे में ये सवर्ण आएंगे

- जिनकी आठ लाख रुपये से कम सालाना आमदनी हो

-जिनके पास कृषि भूमि 5 हेक्टेयर से कम हो

-घर है तो 1000 स्क्वायर फीट से कम हो

-निगम में आवासीय प्लॉट है तो 109 यार्ड से कम जमीन हो

-निगम से बाहर प्लॉट है तो 209 यार्ड से कम जमीन हो. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement