आईआईटी और एनआईटी जैसी कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवश्यक जेईई मेंस परीक्षा में पास हुए कई उम्मीदवारों ने एडमिशन की इस रेस से बाहर होने का फैसला किया है. दरअसल जेईई मेन में पास होने वाले 2.31 लाख उम्मीदवारों में से 32 फीसदी यानि करीब 65000 उम्मीदवारों ने जेईई एडवांस परीक्षा के लिए आवेदन ही नहीं किया.
बता दें कि आईआईटी-एनआईटी जैसे संस्थानों में एडमिशन के लिए पहले जेईई मेन परीक्षा और फिर जेईई एडवांस परीक्षा में पास होना आवश्यक होता है. इस साल जेईई मेन परीक्षा में 2.31 लाख उम्मीदवार पास हुए थे, जिन्हें जेईई एडवांस के लिए आवेदन करना था, लेकिन इस साल सिर्फ 1.60 लाख उम्मीदवारों ने ही इसके लिए आवेदन किया. वहीं ओपन कैटेगरी से आवेदन करने वाले उम्मीदवारों में ड्रॉप-आउट की संख्या अधिक है, जिसमें 42 फीसदी एलिजिबिल उम्मीदवारों ने आवेदन नहीं किया.
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पिछले साल भी 2.20 लाख उम्मीदवार जेईई मेन परीक्षा में सफल हुए थे, जिनमें से 1.71 लाख बच्चों ने ही एडवांस के लिए आवेदन किया था. बताया जा रहा है कि पिछले सालों से ड्रॉप-आउट का प्रतिशत बढ़ रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार आईआईटी कानपुर के जेईई चेयरमैन प्रोफेसर शलभ ने कहा कि कई बैंकों से रिपोर्ट आने के बाद रजिस्ट्रेशन के आंकड़ें में बढ़ोतरी हो सकती है.
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बता दें कि इसमें 1.8 लाख में से 1.2 लाख पुरुष उम्मीदवारों ने और कुल 50 हजार में से 32923 महिला उम्मीदवारों ने जेईई एडवांस के लिए आवेदन किया. इस परीक्षा का आयोजन 20 मई को किया जाना है और इस साल कम्प्यूटर के आधार पर इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
मोहित पारीक