Jee Mains Topper: 12 घंटे पढ़ाई करके बनीं AIR-1 टॉपर, अब एस्ट्रोनॉट बनना है सपना

अपनी तैयारियों को लेकर पल ने बताया फरवरी में उसने पहला अटेम्ट दिया था जिसमे उसको 99.98% परसेंट मिले जिसके बाद उसने अपने वीक प्वाइंट पर अपना वर्क किया, जानें पल अग्रवाल की पूरी जर्नी...

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अपने परिवार के साथ पल अग्रवाल अपने परिवार के साथ पल अग्रवाल

मयंक गौड़

  • गाजियाबाद ,
  • 16 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST

गाजियाबाद की पल अग्रवाल जेईई मेंस  2021 में टॉपर बनी है. उसकी इस कामयाबी पर घर में खुशी का माहौल है. पल को शुभकामनाएं देने रिश्तदार उसके घर पहुंच रहे हैं. पल अग्रवाल की इस कामयाबी को लेकर उनकी मां राखी अग्रवाल ने aajtak.in से बातचीत की. 

ऐसे पाए 300 में 300 नंबर 

पल अग्रवाल के अनुसार फरवरी सेशन में जब वो यूपी टॉपर बनी थीं तो उसे लगा था एक बार फिर ट्राई करना चाहिए. इसके बाद उसने जुलाई का एग्जाम भी दिया था जिसमें उसके हंड्रेड परसेंट मार्क 300 में से 300 आए. पल के अनुसार इसके बाद उसे उम्मीद थी कि फर्स्ट रैंक आएगी और अब ऑफिशियल यह कंफर्म हो चुका है. अपनी तैयारियों के बारे में पल ने बताया फरवरी में पहला अटेम्ट दिया था, जिसमें 99.98% परसेंट मिले. इसी के बाद से उन्होंने अपने वीक प्वाइंट्स पर मेहनत शुरू कर दी. उन्होंने केमिस्ट्री सब्जेक्ट की और अच्छी तैयारी की और सेकेंड अटेम्प्ट में उसे 300 में से 300 अंक आए.

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एस्ट्रोनॉट बनना है अगला ड्रीम   

पल पिछले दो साल से इसकी तैयारी कर रही थीं और कोचिंग भी ले रही थी. साथ ही ऑन लाइन क्लास भी चलती रही जिसकी वजह से रिवीजन होता रहा. उन्होंने इस पूरी तैयारी के दौरान कोई भी क्लास मिस नहीं की. 10 से 12 घंटे रोजाना पढ़ाई किया करती थी जिसका प्रतिफल उन्हें मिल चुका है. अब भविष्य में वो एस्ट्रोनॉट बनना चाहती हैं, इसलिए वो एस्ट्रोफिजिक्स की पढ़ाई करना चाहती हैं. 

सोशल मीडिया से रखी दूरी, जूम से की पढ़ाई

पल अग्रवाल अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपने टीचर को देती हैं . पूरी जर्नी के दौरान माता-पिता ने न सिर्फ इमोशनल सपोर्ट दिया, बल्क‍ि सभी जरूरत की चीजें उपलब्ध कराईं. पल  का कहना है कि वो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ( फेसबुक , इंस्टा ) पर नहीं है, हालांकि जूम एप पर स्कूल की पढ़ाई किया करती थी .

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अभ्यर्थ‍ियों को दी ये सलाह

जेईई कंपटीशन की तैयारी में जुटे छात्रों को पल ने सलाह दी है इस एग्जाम के लिए पूरे 2 साल की मेहनत स्टूडेंट को करनी होगी और सवालों का ज्यादा से ज्यादा रिवीजन उनको फायदा पहुंचाएगा. बेसिक कांसेप्ट क्लियर करने हैं और बहुत सारे सवालों की प्रैक्टिस भी जारी रखनी है. इसके लिए पूरे 2 साल अच्छे से मेहनत करनी होगी. 

मां ने कही ये बात

वही पल की मां राखी अग्रवाल ने कहा कि यह परिवार के लिए काफी सुखद पल है. जब घर में कुछ लोगों को कोरोना हुआ था, इसके बावजूद परिवार वालों ने ध्यान रखा कि इन सब परेशानियों को पल से दूर रखा जाए और मेंटली सपोर्ट किया जाए. पल की मां राखी के अनुसार पल,  बचपन से ही एस्ट्रोनॉट बनना चाहती है. पल की मुलाकात पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से भी हुई थी और वह उनके आदर्श भी हैं.

 

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