BPSC: गर्व से चौड़ा हुआ ASI पिता का सीना, बड़ी बेटी बनी अफसर, कहा- बेटा हो या बेटी....

BPSC Result 2023: रिया के पिता छवि लाल सिंह ने बताया कि मुझे दो बेटी है और रिया बड़ी है. मैने कभी इसे पढ़ाई लिखाई करने में रुकावट पैदा नहीं की जिसका रिजल्ट मेरी बेटी ने आज दिया है. मेरी छोटी बेटी CLAT की तैयारी कर रही है. मेरा पूरा परिवार और गांव में खुशी का माहोल है.

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अपने माता-पिता के साथ रिया कुमारी अपने माता-पिता के साथ रिया कुमारी

गोविंद कुमार

  • मुंगेर ,
  • 30 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

मुंगेर के सदर प्रखंड के तारापुर दियारा पंचायत स्थित महेशपुर गांव निवासी बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर छवि शंकर सिंह की पुत्री रिया कुमारी ने पहले ही प्रयास में बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित 67वीं परीक्षा में सफलता प्राप्त कर महेशपुर का नाम रोशन किया. रिया का चयन श्रम संसाधन विभाग में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के पद पर किया गया है. उसके चयन से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. 

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रिया के दादा ब्रह्मदेव नारायण सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे. अपने माता-पिता की दो पुत्रियों में रिया बड़ी है. रिया की प्रारंभिक शिक्षा डीएसवी पब्लिक स्कूल पूरबसराय से हुई है. वह बचपने से ही पढ़ने में मेधावी थी. दसवीं की परीक्षा में उसे 9.8 सीजीपीए प्राप्त हुआ था. उसने इंटर की पढ़ाई जननायक कर्पूरी कालेज हवेली खड़गपुर से पूरी की. इसके पश्चात स्नातक की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय के पटना कालेज से की तथा इतिहास से ऑनर्स किया. उसने पटना तथा दिल्ली में रहकर बीपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में उसे सफलता प्राप्त हुई. रिया की सफलता पर परिवार सहित मुंगेर के लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं.

वहीं रिया ने बिहार तक से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए अपने पढ़ाई और बीपीएससी तक के सफर पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि मेरे परिवार से सभी अफसर हैं और मेरे पेरेंट्स और दादा दादी की प्रेरणा की वजह से हम यहां तक पहुंच पाए हैं. रिया ने कहा कि आगे अगर मौका मिलेगा तो और तैयारी कर यूपीएससी में भी ट्राई करेंगे.

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वहीं रिया के पिता छवि लाल सिंह ने बताया कि मुझे दो बेटी है और रिया बड़ी है. मैने कभी इसे पढ़ाई लिखाई करने में रुकावट पैदा नहीं की जिसका रिजल्ट मेरी बेटी ने आज दिया है. मेरी छोटी बेटी CLAT की तैयारी कर रही है. मेरा पूरा परिवार और गांव में खुशी का माहोल है. हम अन्य लोगों से भी अपील करते हैं कि वो भी बेटा बेटी का भेदभाव खत्म कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद करें. बेटा हो या बेटी, उन्हें बराबर तालीम दें. बेट‍ियां भी बेटों से कम नहीं होती. 
 

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