UP Madrasa: अब कुर्ता-पायजामा-टोपी नहीं, शर्ट-पैंट टाई पहने दिखेंगे मदरसों के बच्चे, छुट्टी का दिन भी बदला

UP Madrasa Latest News: मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तेखार अहमद जावेद के नेतृत्व में हुई बैठक में मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के ड्रेस कोड और छुट्टी के दिन को लेकर कई जरूरी फैसले किए गए. मदरसों के बच्चे अब कुर्ता, पायजामा और टोपी के बजाय शर्ट-पैंट और टाई पहनेंगे.

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यूपी मदरसों में छुट्टी का दिन भी बदलेगा यूपी मदरसों में छुट्टी का दिन भी बदलेगा

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 21 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

UP Madrasa Dress Code: उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अन्य स्कूलों की तरह शर्ट-टाई और पैंट का ड्रेस कोड लागू करेगी. योगी सरकार ने मदरसों के कई नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है. लखनऊ में आयोजित मदरसा बोर्ड की बैठक में सभी मदरसों के लिए ड्रेस कोड के साथ साप्ताहित छुट्टी को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं. यह फैसले यूपी के सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए लागू होगा. यह बैठक मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तेखार अहमद जावेद के नेतृत्व में हुई.

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अब शर्ट टाई पैंट पहनकर मदरसे में जाएंगे छात्र
बीजेपी के नेता मोहसिन रजा ने बताया, उत्तर प्रदेश में मदरसों में ड्रेस कोड का स्वागत है. सरकार का यह फैसला है कि कुर्ता पजामा टोपी तो अब दूर की बात रही क्योंकि बच्चे सिर्फ शर्ट पैंट टाई पहनकर मदरसे में आएंगे. इससे उनको फीलिंग कुछ और आएगी और ऐसे में ड्रेस कोर्ट से वह मौलाना मौलवी ना बनकर आईएएस आईपीएस मुख्यधारा से जुड़ेंगे.

मदरसों में रविवार को रहेगी छुट्टी
मोहसिन रजा ने कहा कि मदरसों में शुक्रवार की जगह रविवार को छुट्टी सबसे अच्छा कदम है. उन्होंने इसे मोदी सरकार की सबसे अच्छी पहल बताया है. उन्होंने कहा कि रविवार को सभी घर परिवार एक दिन छुट्टी होती है. अन्य स्कूलों की छुट्टी भी रविवार को होती है, ऐसे में अलग दिन छुट्टी करने का कोई मतलब नहीं है. रविवार को ही जैसे और अन्य स्कूलों और ऑफिस में होती है वैसे ही होनी है. उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है.

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बीजेपी नेता मोहसिन रजा ने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह मुसलमानों को आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं. उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने से रोकना चाहते हैं और वोट बैंक की राजनीति करते हैं लेकिन योगी मोदी की सरकार मुस्लिम के हितों के लिए काम कर रही है ना कि अहित.

बता दें कि इस बैठक में अरबी, फारसी परीक्षाओं के लिए जमा किया जाने वाला परीक्षा शुल्क ऑनलाइन मोड से भी जमा किए जाने की व्यवस्था करने का प्रस्ताव रखा है.

 

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