UP के डॉक्टर संजय कुमार को मिला परम विशिष्ट सेवा पदक, राष्ट्रपति की आंखों का कर चुके हैं इलाज

उत्तर प्रदेश के रहनेवाले प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ ब्रिगेडियर डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को गणतंत्र दिवस-2025 की पूर्व संध्या यानी कि 25 जनवरी की शाम भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रतिष्ठित 'परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम)' से सम्मानित किया गया है. वर्तमान में डॉक्टर नई दिल्ली में सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठित रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल के नेत्र विभाग के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं.

Advertisement
Brigadier Dr. Sanjay Kumar Mishra honored with Param Vishisht Seva Medal on Republic Day by president Droupadi Murmu Brigadier Dr. Sanjay Kumar Mishra honored with Param Vishisht Seva Medal on Republic Day by president Droupadi Murmu

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित नेत्र रोग विशेषज्ञ, ब्रिगेडियर डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान उन्हें नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए मिला है. डॉ. मिश्रा वर्तमान में नई दिल्ली के सशस्त्र बलों के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में नेत्र विभाग के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने अपने करियर में विशेष रूप से दो भारतीय राष्ट्रपति का ऑपरेशन करने का गौरव प्राप्त किया है.

Advertisement

AIIMS ने पढ़े हैं ब्रिगेडियर डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा

ब्रिगेडियर डॉ. संजय मिश्रा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से प्राप्त की और फिर प्रयागराज से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. उनके चिकित्सा क्षेत्र में योगदान को देखते हुए उन्हें सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (AFMC), पुणे और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के आरपी सेंटर से भी पढ़ाई की हुई है.बता दें कि भारतीय सेना चिकित्सा कोर के नेत्र रोग विशेषज्ञों की एक टीम ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बाईं आंख की सफल मोतियाबिंद सर्जरी की थी. इस टीम का नेतृत्व चार राष्ट्रपति मेडल जीत चुके नेत्र रोग विशेषज्ञ लखनऊ के ब्रिगेडियर संजय कुमार मिश्रा ने किया था. 

इस विशेष टैकनीक से ग्लूकोमा का इलाज करने वाले पहले डॉक्टर

डॉ. मिश्रा को उनकी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है, खासकर मोतियाबिंद, रिफ्रैक्टिव और रेटिना सर्जरी के क्षेत्र में. वह सशस्त्र बलों में पहले व्यक्ति थे जिन्होंने उन्नत न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी (माइक्रो सर्जरी) के माध्यम से ग्लूकोमा का इलाज शुरू किया. इस सर्जरी के कारण हजारों सैनिकों और नागरिकों की आंखों की रोशनी बचाई जा चुकी हैं. अब तक, डॉ. मिश्रा एक लाख से अधिक लोगों की आंखों की सर्जरी कर चुके हैं. उनके असाधारण कार्य को पहचानते हुए, उन्हें पहले भी राष्ट्रपति पदक से पांच बार सम्मानित किया गया है. इनमें दो बार 'सेना पदक (विशिष्ट)', दो बार 'विशिष्ट सेवा पदक' और एक बार 'अति विशिष्ट सेवा पदक' शामिल हैं. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement