मां लगाती हैं खिलौने का ठेला, चपरासी के बेटे ने क्लियर किया UPSC, GPSC में भी दूसरी रैंक, IAS बनने का है सपना

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, अंकित कुमार वन्या ने हाल ही में UPSC परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है. यही नहीं, उन्होंने GPSC (गुजरात लोक सेवा आयोग) में भी दूसरी रैंक हासिल कर अपने जज्बे और मेहनत का लोहा मनवाया है. अंकित ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी करनी पड़ी.

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Watchman Son Cleared UPSC Watchman Son Cleared UPSC

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST

Watchman Son Cleared UPSC: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2024 के नतीजों में प्रयागराज के अंकित कुमार वन्या ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अखिल भारतीय स्तर पर 607 हासिल की है. कहते हैं ना कि जब संघंर्षो की  कहानी जब सफलता में बदलती है, तो वह पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन जाती है. गुजरात के अंकित कुमार वन्या की कहानी कुछ ऐसी ही है. जिनके पिता एलआईसी में चपरासी हैं और मां खिलौनों का ठेला लगाती हैं, वहीं बेटा आज देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC में सफलता पाकर एक मिसाल बन गया है. 

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ANI की रिपोर्ट के अनुसार, अंकित कुमार वन्या ने हाल ही में UPSC परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है. यही नहीं, उन्होंने GPSC (गुजरात लोक सेवा आयोग) में भी दूसरी रैंक हासिल कर अपने जज्बे और मेहनत का लोहा मनवाया है. अंकित ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी करनी पड़ी. सबसे पहले उन्हें नगर निगम में नौकरी मिली, लेकिन IAS बनने के सपने को जिंदा रखते हुए उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से UPSC की तैयारी में जुट गए. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पूरी शिक्षा स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सब कुछ सरकारी संस्थानों से हुई हैं.

अंकित कहते हैं, "संघर्ष अभी भी जारी है. मैंने जिम्मेदारियों के कारण काम करना शुरू किया था, लेकिन अब मैं अपनी मेहनत से न सिर्फ अपने परिवार को बेहतर जिंदगी देना चाहता हूं, बल्कि देश के लिए भी कुछ करना चाहता हूं." अंकित की यह सफलता उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखते हैं. उनके पिता का चपरासी होना और मां का खिलौनों का ठेला चलाना कभी उनकी राह में रोड़ा नहीं बना, बल्कि यही संघर्ष उन्हें और मजबूत करता गया.

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