UP शिक्षा चयन आयोग की भर्ती का फर्जी पेपर 12 लाख में बिका, STF ने सहायक प्रोफेसर समेत तीन को दबोचा!

जांच में पता चला कि गिरोह ने दो अभ्यर्थियों, कपिल और सुनील, से फर्जी प्रश्न पत्र देने के एवज में 12 लाख रुपये वसूले थे. इस रकम में से 10 लाख रुपये बैजनाथ पाल, 1 लाख रुपये विनय पाल और 1 लाख रुपये महबूब अली के हिस्से में आए. STF ने बताया कि यह गिरोह एक परीक्षा का पेपर देने के लिए 35 लाख रुपये तक का सौदा करता था.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 21 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग (UPHESC), प्रयागराज द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में ठगी का मामला सामने आया है. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने भर्ती परीक्षा में ठगी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में दो सगे भाई बैजनाथ पाल, विनय कुमार पाल और उनके सहयोगी महबूब अली शामिल हैं. इन्हें लखनऊ के विभूतिखंड स्थित पॉलिटेक्निक इलाके से पकड़ा गया.

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अभ्यर्थियों को फंसाता था सहायक प्रोफेसर 

STF के अनुसार, यह गिरोह अभ्यर्थियों को फर्जी प्रश्न पत्र देकर उनसे मोटी रकम वसूलता था. मुख्य आरोपी बैजनाथ पाल गोंडा के लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज में राजनीति शास्त्र का सहायक प्रोफेसर है. वह अभ्यर्थियों को फर्जी प्रश्न पत्र थमाकर लाखों रुपये की ठगी करता था. महबूब अली इस गिरोह में फर्जी प्रश्न पत्र तैयार करने का काम करता था, जबकि विनय पाल भी इस ठगी में शामिल था.

12 लाख रुपये में हुई यूपी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के पेपर की डील

जांच में पता चला कि गिरोह ने दो अभ्यर्थियों, कपिल और सुनील, से फर्जी प्रश्न पत्र देने के एवज में 12 लाख रुपये वसूले थे. इस रकम में से 10 लाख रुपये बैजनाथ पाल, 1 लाख रुपये विनय पाल और 1 लाख रुपये महबूब अली के हिस्से में आए. STF ने बताया कि यह गिरोह एक परीक्षा का पेपर देने के लिए 35 लाख रुपये तक का सौदा करता था.

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एक हजार से अधिक पदों पर निकली है भर्ती

STF ने गिरोह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. यह कार्रवाई उस समय हुई जब UPESSC द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर के 1,017 पदों के लिए 16 और 17 अप्रैल को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. पुलिस ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे ऐसे ठगी गिरोहों से सावधान रहें और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को पैसे न दें. STF इस मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है.

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