UGC के मालवीय मिशन श‍िक्षक प्रश‍िक्षण का कर्नाटक सरकार ने किया विरोध, जानिए- क्या है वजह

यूजीसी ने MMTTP को रेखांकित करते हुए एक ब्रोशर का अनावरण किया, जिसमें "समग्र शिक्षा" श्रेणी के तहत शिक्षक प्रशिक्षण के लिए आठ विषय शामिल हैं. इन विषयों में भगवद गीता और अन्य धर्मग्रंथों का अध्ययन, गुरुकुल शिक्षण-प्रशिक्षण प्रणाली और गुरु-शिष्य परंपरा आदि शामिल हैं.

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सगाय राज

  • नई दिल्ली ,
  • 02 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक नई शिक्षक प्रशिक्षण पहल शुरू की है जिसे मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (MMTTP) के नाम से जाना जाता है. इसका नाम प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के साथ-साथ अखिल भारत हिंदू महासभा के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय के नाम पर रखा गया है. 

इस महीने की शुरुआत में, यूजीसी ने MMTTP को रेखांकित करते हुए एक ब्रोशर का अनावरण किया, जिसमें "समग्र शिक्षा" श्रेणी के तहत शिक्षक प्रशिक्षण के लिए आठ विषय शामिल हैं. इन विषयों में भगवद गीता और अन्य धर्मग्रंथों का अध्ययन, गुरुकुल शिक्षण-प्रशिक्षण प्रणाली और गुरु-शिष्य परंपरा आदि शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में "भारतीय ज्ञान प्रणाली" के अंतर्गत वर्गीकृत विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है, जिसमें गैर-अनुवाद योग्य वस्तुओं का परिचय जैसे विषय भी शामिल हैं. 

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हालांकि, कर्नाटक सरकार ने राज्य में इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन पर विरोध व्यक्त किया है. मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (एमएमटीटीपी) पर उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि यह हमारे संज्ञान में नहीं लाया गया. कर्नाटक इस कार्यक्रम को स्वीकार नहीं करेगा. हमारे पास राज्य की शिक्षा नीति नहीं है. यदि उन्हें इसे इंट्रोड्यूस करना भी है तो अगले शैक्षणिक वर्ष में करना होगा. तब तक हमारे पास हमारी शिक्षा नीति होगी. अगर केंद्र सरकार को लागू करना भी है तो उन्हें एक धर्म तक सीमित न रहकर धर्मनिरपेक्ष कार्यक्रम पेश करना चाहिए.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पांच सितंबर को श‍िक्षक दिवस के मौके पर ‘मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम’ लांच किया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि मानव संसाधन विकास केंद्रों को अब मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में जाना जाएगा, जो 15 लाख से अधिक शिक्षकों की क्षमता निर्माण में सीधे योगदान देगा. इसे लेकर कर्नाटक सरकार ने विरोध जताया है.

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