दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के हिंदू कॉलेज (Hindu College) के 15 छात्रों को कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया है. इन छात्रों के अलावा तीन और छात्र जांच के घेरे में हैं, उन पर भी कार्रवाई हो सकती है. कॉलेज की इस कार्रवाई के बाद छात्र समुदाय में हड़कंप मच गया है. निष्कासित छात्र भी अपनी मांग रख रहे हैं.
दरअसल, दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिन्दू कॉलेज में यूनियन इलेक्शन के दौरान अनुशासन हीनता का मामला सामने आया है, जिसके तहत 15 छात्रों को निष्कासित कर दिया है और 3 के खिलाफ इनडिसिप्लिन की कार्रवाई हो सकती है.कॉलेज की डिसिप्लिनरी रिसोर्स कमेटी के कहने पर ये फैसला लिया गया है क्योंकि ये सभी छात्र कॉलेज इलेक्शन के दौरान नियमों का उल्लघंन करते हुए पकड़े गए थे.
हिन्दू कॉलेज की प्रिसिंपल प्रो अंजु श्रीवास्तव ने पीटीआई को बताया कि इन स्टूडेंट्स को इनकी की गई गलती के आधार पर एक निश्चित समय के लिए निष्कासित किया गया है. 27 अक्टूबर को डिसिप्लिनरी रिसोर्स कमेटी ने एक इमेल जारी कर बताया था कि 15 से 18 सितंबर को कॉलेज में हुए यूनियन इलेक्शन के दौरान कुछ छात्रों की तरफ से अनुशासन हीनता का मामला सामने आया है. कमेटी ने अपने इमेल में इस इंसिडेंट की फोटोज भी भेजी हैं जिसमें लिखा है कि स्टूडेंट्स ने कॉलेज के नियमों को तोड़ा है, जिसके चलते उन पर act of gross indiscipline लगाया जाएगा.
हिन्दू कॉलेज के स्टूडेंट्स ने सितंबर में हुए चुनाव के दौरान 30 छात्रों के नामांकन कैंसिल होने के विरोध में भूख हड़ताल की थी. हालांकि कॉलेज के स्टाफ का कहना था कि अटेंडेन्स कम होने की वजह से उन 30 स्टूडेंट्स का नॉमिनेशन कैंसल किया गया था. इसके साथ ही मामले में जांच के आदेश भी दिए गए थे और जरूरी पुलिस ऐक्शन की बात भी कही गई थी.
एक निष्कासित छात्र ने नाम ना देने की शर्त पर बताया कि प्रैक्टिकल की क्लास में हम उपस्थित रहे लेकिन कॉलेज ने सिर्फ थ्योरी की क्लासों में अटेंडेंस को माना. हम मांग करते हैं कि प्रशासन हमारे अटेंडेंस को लेकर नोटिस जारी करे. छात्र संघ चुनाव में हिस्सा लेने के लिए नियमों के मुताबिक किसी कैंडिडेट का 75 फीसदी अटेंडेंस जरूरी है.
DRC committee के प्रमुख रामेश्वर राय ने कहा कि अनुशासनहीनता में शामिल रहने की वजह से करीब 15 छात्रों को निष्कासित किया गया है और तीन छात्रों पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है. कमेटी ने अधिकतम 4 महीनों के लिए निष्कासन का दंड दिया है. इन छात्रों को अनुशासनहीनता, संस्थान की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने और एकेडमिक कार्यों में बाधा उत्पन्न करने के आरोप निष्कासित किया गया है. निष्कासित छात्रों से यह भी कहा गया है कि वो एक एफेडेविट फाइल करें और यह भी सुनिश्चित करें कि भविष्य में वो इस तरह के कार्यों में संलिप्त नहीं होंगे.
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