'मां सरस्वती नहीं सावित्री बाई फुले हैं शिक्षा की देवी' बयान देने वाली टीचर सस्पेंड

राजस्थान के बारां जिले में गणतंत्र दिवस वाले दिन सरकारी स्कूल की एक टीचर ने मां सरस्वती की जगह सावित्रिबाई फुले की तस्वीर रखी थी, उनका कहना था कि शिक्षा की देवी मां सरस्वती नहीं हैं. इस टीचर को शिक्षा मंत्री द्वारा ससपेंड कर दिया गया है.

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Rajasthan Teacher Suspended Rajasthan Teacher Suspended

चेतन गुर्जर

  • बांरा,
  • 24 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राजस्थान में बारां जिले के दौरे के दौरान लकड़ाई स्कूल की टीचर को सस्पेंड कर दिया है. गणतंत्र दिवस पर टीचर ने कार्यक्रम के दौरान मां सरस्वती की तस्वीर नहीं लगाने दी थी. जिसके बाद ग्रामीणों ने टीचर के खिलाफ विरोध जताया था और कार्यवाही की मांग की थी. यह घटना बारां के किशनगंज क्षेत्र के एक राजकीय विद्यालय की थी जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था. 

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शिक्षा मंत्री ने दिया निलंबित करने का आदेश

शिक्षा मंत्री के निर्देश और जांच रिपोर्ट के आधार पर हेमलता बैरवा को सस्पेंड किया गया है. डीईओ पीयूष कुमार शर्मा ने बताया कि जांच के बाद प्रबोधक हेमलता बैरवा को निलंबित किया है. सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षिका अकलिमा बेगम और डाबड़िया स्कूल में पदस्थ शिक्षक हेमराज मेघवाल को प्रशासनिक कारणों के चलते एपीओ किया है. तीनों का मुख्यालय बीकानेर किया है.

26 जनवरी को हुई थी घटना

कोटा के बारां जिले किशनगंज क्षेत्र के लकड़ाई गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण तथा स्कूल की टीचर के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. मामला इस बात को लेकर गरमा गया था कि वहां पर लगाई गई तस्वीरों में सरस्वती माता की तस्वीर नहीं लगाई गई है. जिसका कुछ अध्यापकों ने  विरोध किया, लेकिन अध्यापिका ने किसी की नहीं चलने दी तो ग्रामीणों ने आकर तस्वीर रखने को कहा. जिसपर टीचर ने कहा था कि विद्या की देवी सरस्वती नहीं हैं, विद्या की देवी तो सावित्रीबाई फुले हैं, इसलिए उनकी तस्वीर रखी गई है. शिक्षिका के इस बयान का जमकर विरोध हुआ था.

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शिक्षा मंत्री दिलावर ने कही थी जांच की बात 

काफी बहसबाजी के बाद गांव के सरपंच तथा भाजपा पदाधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया‌ था. मामला जब विभाग तक पहुंचा को शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा था कि हम इस मामले में सत्यता की जांच करवाएंगे, सत्यता होगी तो, जो न्यायोचित होगा वह करेंगे. जिसके बाद जांच में पाया गया कि गलती टीचर की ही थी, जिसे अब उसे ससपेंड कर दिया गया है.

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