केरल में अगले साल से 3 साल का डिग्री कोर्स नहीं होगा. उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री आर. बिंदू ने बताया कि अगले साल से केवल 4 वर्षीय डिग्री कोर्स होंगे. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम इस तरह से व्यवस्थित किया गया है कि छात्र चौथे वर्ष में भी अपनी पढ़ाई जारी रखने का फैसला कर सकते हैं. हालांकि, तीसरे साल के बाद एग्जिट पॉलिसी लागू होगी.
3 साल बाद मिलेगा सर्टिफिकेट
3 साल पूरा होने पर स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा. रुचि रखने वाले छात्र चौथे वर्ष की भी पढ़ाई कर सकते हैं जिसके बाद ऑनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी. चौथे साल में रिसर्च और इंटर्नशिप पर फोकस किया जाएगा.
उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक केरल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया गया है. पाठ्यक्रम की रूपरेखा राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा प्रबंधित की जाती है और अप्रैल के महीने में ही विश्वविद्यालयों को सौंप दी गई थी. अब विश्वविद्यालयों को करिकुलम के अनुसार पाठ्यक्रम बनाने की जिम्मेदारी लेनी होगी.
उन्होंने कहा, 'यह शिक्षा परिदृश्य में एक नया परिवर्तन होगा. छात्रों को अपनी योग्यता के अनुसार छोटे और बड़े कोर्स चुनने की अधिक स्वतंत्रता मिलेगी. वे अधिक स्वतंत्र हैं और उनके पास अन्य विश्वविद्यालयों से भी क्रेडिट लेने का विकल्प है. यह लचीलापन छात्रों को उत्साह प्रदान करेगा.
शिबिमोल