दूसरे की जगह बैंक क्लर्क भर्ती की परीक्षा देने के आरोपी 2019 बैच के आईएएस अधिकारी नवीन तंवर को निलंबित कर दिया गया है. गौरतलब है कि बीते माह नवीन तंवर को को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. केंद्रीय जांच ब्यूरो के न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने हिमाचल प्रदेश के चंबा के भरमौर में एडीएम तंवर पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.हालांकि सीबीआई कोर्ट से जमानत मिलने के कारण नवीन को जेल नहीं जाना पड़ा.
गौरतलब है कि इस प्रशासनिक अधिकारी को सीबीआई कोर्ट की ओर से किसी ओर के स्थान पर परीक्षा देते पकड़े जाने पर तीन वर्ष कठोर कारावास और दस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी . इतना ही नहीं, पेशी के दौरान न्यायालय में प्रस्तुत न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था .
इस मामले में आरोप है कि 13 दिसंबर 2014 को इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) की क्लर्क भर्ती परीक्षा में झांसी के अमित की जगह उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले नवीन तंवर ने गाजियाबाद स्थित आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में परीक्षा दी थी. सूचना मिलने पर सीबीआई की टीम ने मौके पर जाकर उक्त परीक्षार्थी के स्थान पर उक्त प्रशासनिक अधिकारी समेत एक अन्य को धरा था. इसके अलावा दो अन्य लोगों ने परीक्षार्थियों को साल्वर मुहैया कराने में बिचौलिए की भूमिका निभाई.
इस मामले की अंतिम सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई की अदालत में हुई थी. न्यायालय ने साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर सभी अभियुक्तों को दोषी मानते हुए तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर 10-10 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया था . बता दें कि सीबीआई ने इस सॉल्वर गिरोह को पकड़ा था, जिसमें नवीन समेत छह आरोपी थे. सुनवाई के दौरान वर्ष 2019 में नवीन तंवर का आईएएस में चयन हुआ था. बीते वर्ष नवीन को चंबा जिले के भरमौर में अतिरिक्त उपायुक्त कम सह-परियोजना निदेशक जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) बनाया गया था.
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